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VIDEO : झाड़-फूंक के बहाने यहां होता है गंदा काम, वायरल वीडियो आया सामने तो दंग रह गए लोग

locationअमेठीPublished: Nov 05, 2017 02:35:12 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

नंदमहर धाम का वीडियो हुआ वायरल, पूर्व पीएम राजीव गांधी से लेकर कई सीएम इस दर पर टेक चुके हैं मत्था

nand mahar dham
अमेठी. 21वीं सदी में देश को डिजिटल इंडिया का प्रारूप देने के लिये सरकार जतन पर जतन करने में जुटी है, वहीं आज भी देश में निवास करने वाले लोग अंधविश्वास की जंजीरों में जकड़े हुए हैं। वीवीआईपी ज़िले अमेठी के नंदमहर से कार्तिक माह में लगने वाले मेले में सामने आया वीडियो तो इसी बात की गवाही दे रहा है। बताया जाता है कि यहां की मान्यता है कि दर्शन मात्र से प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इसलिए देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं।
नंद महर धाम पर ढोंगी खोल बैठे हैं अंधविश्वास की दुकान
तस्वीरें हैं गांधी-नेहरु परिवार से जुड़े अमेठी ज़िले के मुसाफिरखाना-गौरीगंज रोड पर स्थित नन्दमहर धाम की, जहां पर भक्तों में अंधविश्वास आज भी हावी है। स्थानीय लोगों के अनुसार, जैसे ही लोग धाम में इंट्री करते हैं, तो वहां अपनी अंधविश्वास की दुकान लगा कर लोगों का भूत उतारने का दावा करने वाले अपनी दुकान सजाये बैठे होते हैं।
पूर्णमासी पर उमड़ता है हुजूम
नंद महर धाम पर कार्तिक माह में पूर्णमासी को बड़ा मेला लगता है, दो दिन तक चलने वाले इस मेले में रात और दिन लोगों का जन सैलाब उमड़ता है। लेकिन ये कहा जाये तो ग़लत नहीं होगा कि आमतौर से दुनिया जिस भी ढंग से निवास कर रही हो लेकिन नंदमहर धाम के कैम्पस में एक अलग ही दुनिया निवास करती है। वो दुनिया है अंध विश्वास की। भूत-प्रेतों के आतंक से दो-चार लोग अंध विश्वास की चपेट में आकर यहां दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
पूर्व पीएम राजीव गांधी से लेकर कई सीएम टेक चुके हैं यहां माथा
आपको बता दें कि ये धाम मान्यताओं का धाम है, यही कारण है के अब तक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी और उत्तर प्रदेश के कई पूर्व मुख्यमंत्री भी बाबा नंदमहर धाम मंदिर में मत्था टेक चुके हैं।
बहरुपिए फेरते हैं हाथ तो शुरू हो जाती है भूतों की सवारी
इस धाम पर आपको तमाम ऐसे लोग मिल जाएंगे, जो उछल-कूद करते नजर आएंगे। ये वही लोग हैं जिनके लिये कहा जाता है कि इन पर भूतों की सवारी है। जब ये यहां धाम में पहुंचते हैं, तो यहां पर गांव के अलग-अलग लोग जिन्होंने अपनी भूत उतारने की दुकान खोल रखी है ये फौरन उनके पास पहुंच जाते हैं। फिर ये बहरुपिए इन प्रेत पीडितों पर जैसे ही हाथ फेरते है तो उनके ऊपर भूतों की सवारी शुरू हो जाती है।
हमारा उद्देश्य जागरूकता फैलाना
लोगों का मानना है कि यहां हर मर्ज की दवा मिलती है। लोग ये कहते हैं कि ये इस धाम की महानता है, लेकिन सवाल ये है कि अगर धाम की महानता है तो जो लोग यहां पर अपनी दुकान क्यों खोल कर बैठे हैं? यहां उनका क्या काम है? दरअस्ल ये बातें धर्म, जाति और मज़हब पर चोट करने के लिये नहीं है बल्कि जागरूकता की दृष्टि से लोगों को सच बताने के लिये हैं। इस धाम के लिये सच भी यही है कि अगर अंध विश्वास से हटकर यहां इलाज के लिये आया जाये तो कोई ऐसा मर्ज नहीं, जिसका इलाज यहां न हो।
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