क्षेत्र में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसान अपनी उपज लेकर जब राजकीय गेहूं क्रय केंद्र पर पहुंचता है तो उसे कई दिनों तक वहां रात दिन रहकर रखवाली करनी पड़ती है, आपको बताते चले कि अभी हाल में ही जयास के बहादुरपुर गेंहू क्रय केंद्र पर अधिकारियों के लापरवाही के चलते एक किसान को सदमा लगा था जिससे उसकी मौत हो गई थी लेकिन किसान की मौत के बाद भी प्रशासन नहीं चेता है।
अप्रैल से संचालित क्रय केंद्र पर पहले कुछ दिन तो सन्नाटा छाया रहा। केंद्र को दिए गए लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 6377 कुंतल 50 किलो गेहूं की खरीद की जा चुकी है जबकि इसे 13000 कुंतल गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया है। क्रय केंद्र पर बिगड़े मौसम व आये दिन होने वाली बारिश से खरीदे गए गेहूं को बचाने की कोई व्यवस्था नहीं है। क्रय केंद्र पर खुले में पड़ा सैकड़ों कुंतल गेहूं आये दिन मौसम की मार खा रहा है।
गोदाम में इसे रखने की जगह नहीं है और बाहर पड़े गेहूं को बारिश से बचाने का भी कोई इंतजाम नहीं देखा जा रहा है। इस संबंध में विपणन निरीक्षक राम कुमार वर्मा से जब बात की गयी तो उन्होंने केंद्र पर व्यस्वथा के लिए टेंडर डालने वाली संस्था को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि बोरी रखने के लिए जमीन पर नीचे डालने के लिए अब तक वह पांच हजार की पन्नी खरीद चुके हैं।
उन्होंने बताया कि किसानों को नंबर के अनुसार आने को कहा गया है फिर भी वह गेहूं लेकर यहां आ जाते है फिर भी जल्दी तौल कराने का प्रयास किया जाता है। क्षेत्र के अहमदपुर स्थित तकिया बदलगढ़ निवासी कृषक बाबू अली की मानें तो वह केंद्र पर तीन दिन रुके तब जाकर उनकी तौल हो सकी।
16 अप्रैल को क्षेत्र भ्रमण पर आये अमेठी सांसद व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कृषकों की शिकायत पर क्रय केंद्र का हाल देखा था। साथ में चल रहे एसडीएम मुसाफि रखाना को केंद्र की अव्यवस्था व अनियमितता दूर करने को कहा था फिर भी आज तक यहां पर अनियमितता व अव्यवस्था का बोलबाला है। वही इस मामले में जब जिले की जिलाधिकारी से इस अव्यवस्था के विषय में बात करनी चाही तो इस मुद्दे पर कुछ कहने से मना कर दी।