आशीष राजोरिया गौरीगंज कोतवाली अंतर्गत कस्बे में किराए के मकान पर रहता हैं, वहीं पर कोतवाली में तैनात एक सिपाही भी रहता है। आशीष ने बताया कि लॉकडाउन के बीच हम लोग अपने पैतृक गांव कानपुर में गए हुए थे। जहां मेरे और मेरे पत्नी के बीच कुछ कहासुनी हुई। जिसको लेकर आरोपी सिपाही ने मेरी पत्नी को मेरे खिलाफ भड़काया और फायदा उठाते हुए उसको अपने वश में कर लिया। अब पत्नी को मेरे खिलाफ मुकदमा और तलाक के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जब मैं अपने कमरे पर आया तो वहां मेरी बीवी बच्चे नहीं थे। बहुत ढूंढ़ने के बाद मुझे पता चला कि वह कहीं दूसरी जगह रह रहे हैं। और मैं जब वहां जानकारी लेने पहुंचा तो वहां मुझे यह बताया गया कि यहां एक सिपाही अपने बीवी बच्चों के साथ में रहता है। जैसे ही मैंने उस घर को खटखटाया तो उसमें से मेरे परिवार के साथ सिपाही भी अंदर मौजूद मिला। पूरी घटना की सूचना देने के लिए जब मैं प्रार्थना पत्र लेकर कोतवाली पहुंचा तो वहां सिपाही पहले से ही मौजूद था और मुझे मारने की धमकी भी दे डाली। जिसका वीडियो पति ने बना कर वायरल किया है।
पत्नी शिखा को जब इसकी खबर लगी तो अपनी बदनामी को देखते हुए वह भी अपनी दर्द को बयां करने के लिए प्रार्थना पत्र के साथ पुलिस अधीक्षक डॉ ख्याति गर्ग से मुलाकात करने पहुंची। पत्नी ने बताया कि कि यह मेरा घरेलू विवाद था। मेरे पति जो आरोप लगा रहे हैं वह पूर्णतया गलत हैं। हमने अपने पति के खिलाफ 19 मई को गृह जनपद कानपुर में एफआईआर लिखवाया है। जिसकी जलन में मेरे ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं। जो कि गलत हैं। मैं अपने दोनों बच्चों के साथ अकेले रहती हूं, सच तो यह है कि मेरे पति ही मुझे प्रताड़ित करते हैं और उनके मां-बाप भी मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। मेरे पति का कई औरतों के साथ नाजायज संबंध है। इस मामले में एसपी ने जांच कराकर कार्यवाही करने की बात कही है।