जानिये पूरा मामला 25 अप्रैल को संजय गांधी अस्पताल में अपने पिता नन्हे मिश्र (40) का इलाज कराने आए रोहित मिश्र ने बताया कि उनके पिता का इलाज सिर्फ इस वजह से नहीं हुआ क्योंकि उनके पास आयुष्मान कार्ड था। उनके पिता को पेट और पैर में दिक्कत थी। डॉक्टरों ने उन्हें आयुष्मान कार्ड न चलने की बात कह कर अगले दिन बुलाया। दूसरे दिन मरीज नन्हे लाल को इमरजेंसी में भर्ती कराया। उन्हें ड्रिप चढ़ाई गई थी। डॉक्टर ने इलाज के पैसे मांगे तो मरीज के तीमारदारों ने आयुष्मान योजना का कार्ड दिखाया। लेकिन डॉक्टरों ने कहा यहां आयुष्मान कार्ड नहीं चलेगा। इस बीच मरीज के तीमरादारों और डॉक्टरों में बहस हो गई। समय से इलाज न मिल पाने के कारण मरीज का दर्द बढ़ गया। डॉकटर ने दवा लिखी और मरीज को लखनऊ रेफर किया। लेकिन तब तक मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ चुकी थी और इसी बीच उनकी मृत्यु हो गई।
ये भी पढ़ें: एमएलसी दिनेश के खिलाफ याचिका दायर, 27 मई को सदस्यता पर सुनाया जाएगा फैसला मामले को बताया चुनावी स्टंट संजय गांधी हास्पिटल के प्रबंधक वित्त एवं प्रशासन भोलानाथ त्रिपाठी ने बताया कि नन्हे लाल के पास आयुष्मान कार्ड नहीं था। वे भाजपा के अच्छे कार्यकर्ता थे और शराबी भी थे। उन्होंने कहा नन्हे लाल की मृत्यु 26 अप्रैल को हुई थी। लेकिन आज तक इस मामले को नहीं उठाया गया। अब इसे राजनीतिक मोड़ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा इसे पांचवे चरण के मतदान से एक दिन पहले इसलिए उठाया गया ताकि कांग्रेस इसका कई एनकाउंटर न कर पाए।