scriptEVM मशीन को लेकर हुए विवाद के बाद राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में उठाया गया यह कदम | Big step by congress for protecting EVM in Amethi | Patrika News

EVM मशीन को लेकर हुए विवाद के बाद राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में उठाया गया यह कदम

locationअमेठीPublished: May 14, 2019 09:17:27 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

इंदिरा गांधी डिग्री कॉलेज के बाहर सुरक्षा गार्डों के साथ-साथ कांग्रेस के बड़े नेताओं से लेकर ब्लाक और बूथ स्तर तक के नेता बाकायदा निगाहे गड़ाए हुए हैं.

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अमेठी. जिले के कांग्रेसी ईवीएम मशीन को लेकर अब काफी चौकन्ने हैं। दिन-रात शिफ्ट वाइज़ स्ट्रांग रूम के बाहर ड्यूटी चल रही है। यहां इंदिरा गांधी डिग्री कॉलेज के बाहर सुरक्षा गार्डों के साथ-साथ कांग्रेस के बड़े नेताओं से लेकर ब्लाक और बूथ स्तर तक के नेता बाकायदा निगाहे गड़ाए हुए हैं।
6 मई को वोटिंग के बाद जिला प्रशासन ने मनीषी महिला पीजी कॉलेज अमेठी, इंदिरा गांधी पीजी कॉलेज गौरीगंज में ईवीएम मशीन और वीवीपैट को रखाया है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस के जवान इन स्ट्रांग रुमों पर पूरी तरह मुस्तैद हैं। बावजूद इसके कांग्रेसियों ने भी अलग से स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था का बीड़ा उठा रखा है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा से लेकर एमएलसी दीपक सिंह, पूर्व विधायक विजय पासी जैसे बड़े नेताओं के अलावा ब्लाक और बूथ के नेता दिन रात जाग कर यहां स्ट्रांग रूम के बाहर रखवाली कर रहे हैं। कांग्रेसियों को आशंका है कि अगर जरा भी आंख लगी तो जिला प्रशासन बीजेपी की हमदर्दी में कोई भी क़दम उठा सकता है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने कहा कि चुनाव से लेकर आज तक प्रशासन सत्ता और उसके नेता के इर्द-गिर्द घूम रहा है। ऐसे मे हम सबको सतर्क रहने की जरूरत है।
यह था मामला-

आपको बता दें कि चुनाव के दो दिन बाद ही अमेठी मे उस समय हड़कंप मच गया था जब ईवीएम स्ट्रांग रूम के पास ट्रक लगाकर उस पर मशीने लादी जा रही थी। इस खबर पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा समर्थकों के साथ वहां पहुंचे थे और जमकर हंगामा हुआ था। इसके बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने मशीनों को ट्रक पर लादने से मना कर दिया था। उन्होंने ईवीएम मशीन के बदले जाने की अधिकारियों से शिकायत की थी। जिस पर मौके पर पहुंची उप जिला निर्वाचन अधिकारी वंदिता श्रीवास्तव ने जिलाध्यक्ष को रिजर्व में बची मशीनों की क्रमवार जानकारी देते हुए बताया था कि यह मशीनें कलेक्ट्रेट में स्थित वेयर हाउस ले जाई जा रही हैं। जहां इनका बार कोड स्कैन कर सुल्तानपुर भेजा जाना है। तब कही जाकर मामला शांत हुआ था।
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