scriptअब खून की कमी से नहीं जूझेंगी महिलाएं, गर्भवती व किशोरियों के लिये चलेगा अभियान | Campaign will be run for pregnant and adolescent girls | Patrika News
अमेठी

अब खून की कमी से नहीं जूझेंगी महिलाएं, गर्भवती व किशोरियों के लिये चलेगा अभियान

– 22 अक्टूबर को 30+1 प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लगेंगे शिविर- अगले एक साल तक हर माह आयोजित होंगे- इस तरह के स्वास्थ्य शिविर प्रसव पूर्व चार जांच कराने व खून की कमी को दूर करने पर रहेगा पूरा ज़ोर।- आयुष्मान भारत व प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में नामांकन की भी सुविधा

अमेठीOct 17, 2019 / 02:01 pm

आकांक्षा सिंह

अब खून की कमी से नहीं जूझेंगी महिलाएं, गर्भवती व किशोरियों के लिये चलेगा अभियान

अब खून की कमी से नहीं जूझेंगी महिलाएं, गर्भवती व किशोरियों के लिये चलेगा अभियान

अमेठी. जनपद की करीब 50 फीसद गर्भवती महिलाएं खून की कमी से जूझ रहीं हैं, जो कि माताओं और नवजात दोनों के लिए खतरे का संकेत है। इसको गंभीरता से लेते हुए स्मृति जूबिन इरानी, केन्द्रीय मंत्री वस्त्र उद्योग महिला एवं बाल विकास भारत सरकार/सांसद अमेठी के सौजन्य से स्वास्थ्य विभाग ने इससे निपटने के लिए एक बड़ी रणनीति तैयार की है। अब एक साल तक हर माह जिले के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर विशेष थीम आधारित स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच के साथ ही उचित खानपान की सलाह भी दी जाएगी। इसके साथ ही जिले की एनीमिया ग्रसित किशोरियों को सेहतमंद रहने के जरूरी टिप्स भी दिये जाएंगे। इसी कड़ी में पहला स्वास्थ्य शिविर 22 अक्टूबर को जिले के 30+1 प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित किए जाएँगे, जिसकी थीम है-“हैप्पी मदर्स-हेल्दी मदर्स” । इसके जरिये जिले के सभी 13 विकास खंडों (ब्लाक) को कवर किया जाएगा।


डा0 आर0एम0 श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी अमेठी का कहना है कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सबसे अधिक जरूरी है कि गर्भवती प्रसव पूर्व जरूरी चार जांच अवश्य कराएं ताकि यह पता चल सके कि कहीं वह उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की श्रेणी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) में तो नहीं हैं। इस तरह की समस्या का पता चलते ही ऐसी महिलाओं पर खास नजर रखी जाती है ताकि समय रहते माँ और बच्चे की जान बचाई जा सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि इसी को ध्यान में रखते हुए शिविर के माध्यम से उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी और उनको सेहतमंद बनने के जरूरी टिप्स भी दिये जाएँगे। शिविर में उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की जांच, गर्भावस्था के प्रबंधन पर काउंसिलिंग, रोगी का डिजिटल स्वास्थ्य रिकार्ड बनाना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में नामांकन की सुविधा मिलेगी। इसके जरिये जहां सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा वहीं स्वास्थ्य केन्द्रों का बेहतर उपयोग भी हो सकेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि 22 अक्टूबर को आयोजित होने वाले पहले शिविर में करीब 15 हजार लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। इनमें गर्भवती, किशोरियाँ और आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी शामिल होंगे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो