मामला मुसाफिरखाना क्षेत्र का है जहाँ से होकर गुजरने वाली NH 56 का पुनर्निर्माण कार्य जोरो पर है। NH 56 अमेठी की लाइफ लाइन भी कही जाती है। लखनऊ से चलकर ये सड़क बाराबंकी अमेठी सुल्तानपुर जौनपुर होते हुए बनारस जाती है। इस सड़क का पुनर्निर्माण कार्य दिलीप बिल्डकॉम कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। इसी सड़क पर अमेठी जिले का आधा से ज्यादा क्षेत्रफल है। सड़क को बनाने के लिए कंपनी को मिट्टी की आवश्यकता थी जिसको लेकर उनके द्वारा आस पास के किसानों से बात की गई। सड़क में डालने के लिए कंपनी ने आस पास पांडेय का पुरवा सहित कई गांवों के किसानों से तय शुदा रकम पर मिट्टी खरीदी है। कंपनी द्वारा मिट्टी को खुदवा कर सड़क के काम में लिया जा रहा है।
किसानों का आरोप है कि कंपनी ने समझौते के समय कहा था कि सिर्फ दो मीटर ही मिट्टी खोदी जाएगी जबकि अब चार से पांच मीटर मिट्टी खोदी जा रही है, जिससे उनके खेत पूरी तरह बर्बाद हो रहे हैं। कंपनी द्वारा पीड़ित किसानों को मिट्टी के बदले मुआवजा देने की बात भी कही गई थी, लेकिन आज तक उन्होंने एक पैसा भी नहीं दिया।
वही इस मामले पर मुसाफिरखाना एस डी एम ने कहा कि कंपनी द्वारा खनन विभाग सहित संबंधित विभागों से मिट्टी खोदने के लिए अनुमति ली गई है। कंपनी द्वारा किसानों के खेतों से दो मीटर मिट्टी खोदने की बात कही गई थी जो उन्होंने किया। किसानों द्वारा अवैध खनन की शिकायत हमारे पास आई थी जिसके बाद मौके पर अधिकारियों को भेज कर जांच करवाई गई जिसमें सब कुछ सामान्य पाया गया। कई किसानों की जमीन उबड़ खाबड़ थी जिस कारण किसानों को लगा कि कंपनी द्वारा उनकी जमीनों को खराब किया गया।
वही जब कंपनी द्वारा अवैध खनन को लेकर कंपनी के अस्सिस्टेंट मैनेजर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसानों के साथ कंपनी ने कोई धोखा नहीं किया। किसानों से जितनी मिट्टी खोदने के लिए समझौता हुआ था उतनी मिट्टी ही खोदी गई। मिट्टी के एवज में उन्हें मुआवजा भी दिया गया है।