अमेठी

किशोरी का हो चुका था अंतिम संस्कार, दो महीने बाद आई लौटकर, घर में मचा हड़कंप

दो महीने पूर्व घर से लापता किशोरी के परिजनो ने काफी तलाश के बाद एक लावारिस लाश की शिनाख्त बेटी के रूप मे कर उसका अंतिम संस्कार करा डाला अब वही लड़की ज़िंदा वापस लौट आई है।

अमेठीMay 30, 2019 / 11:11 pm

Neeraj Patel

किशोरी का हो चुका था अंतिम संस्कार, दो महीने बाद आई लौटकर, घर में मचा हड़कंप

अमेठी. दो महीने पूर्व घर से लापता किशोरी के परिजनो ने काफी तलाश के बाद एक लावारिस लाश की शिनाख्त बेटी के रूप मे कर उसका अंतिम संस्कार करा डाला अब वही लड़की ज़िंदा वापस लौट आई है। इस सब मे किसी का कुछ बिगड़ा हो या न बिगड़ा हो लेकिन बेटी के ग़ायब होने के बाद लड़की के पिता ने जिस सगे भाई के परिवार को नामजद किया उस भाई के परिवार पर विपत्तियां जरूर आ गई। पुलिसिया अत्याचार के षडयंत्र मे फंसाए गए भाई की बेटी की शादी टूट गई है।

29 मार्च को मिली थी एक बालिका की सिर कटी लाश

मोहनगंज थाना क्षेत्र के सवितापुर गांव के पास नहर में 29 मार्च को एक बालिका की सिर कटी लाश मिली थी। पुलिस ने थाना क्षेत्र के रमई गांव निवासी बृजलाल की लापता नाबालिग बेटी पुष्पा के घर वालों को बुलाया और उन्होंने बेटी के रूप मे उसकी शिनाख्त कर डाली। मंगलवार को सुबह जब पुष्पा ग्रामीणों की मदद से घर वालों के हाथ लगी तो सभी के रोंगटे खड़े हो गए। प्रकरण में चाचा व चाची हुए थे नामजद हुए थे। पिता की तहरीर पर किशोरी के चाचा दृगपाल व चाची सुनीता को नामजद कर दिया गया। लड़की आई तो हमने थाने पर सूचना दे दिया। उसके बाद लड़की थाने पर गई अभी हम अपने घर को नही ले गए।

लड़की को अब नही रखेंगे घर वाले

अब लड़की को गौरीगंज डाक्टरी के लिए लेकर जा रहे हैं। लेकिन इस लड़की को अब नही रखेंगे क्या पता ये लड़की हमारी जान के लिए जाल बिछा रही हो। जब सवाल किया गया कि भाई को फंसा दिया इस पर बोला की मेरी औरत को मारा हमको मारा। और लड़की को कहे थे के तुमको गायब कर देंगे या तुमको मरा डालेंगे। इसलिए नाम डाला और कहा था लड़की सही सलामत वापस ला दोगे तो हम कार्यवाही वापस ले लेंगे।

17 मार्च को हम घर आए थे, पेशी थी और 18 को हमने बिटिया की बरिक्षा दिया। 19 को पुलिस हमे उठा ले गई। हमसे बहुत पूछताछ की। हमने कहा के हम मजदूर हैं लखनऊ में काम करते हैं। लेकिन पुलिस ने हम पर बहुत अत्याचार किया, न कमाने दिया गया इस कारण हम लड़की की शादी तक नही कर सके। हमको तीन दिन बंद करे थे। इस पीड़ित की पत्नी की माने तो पुलिस जुर्म कबूल कराने के लिए उस पर जमकर लाठियां भांजती रही।

किशोरी पुष्पा का कहना है कि वो दिल्ली मे थी और अब वहां से अकेले घर लौटी है। उसने बताया कि वो घर से 13 मार्च को गई थी, जब कहा गया के उसके जाने के बाद उसके चाचा चाची पर मुकदमा तक हो गया तो उसने झट जवाब दिया मुझे नही मालूम। उसने बताया के गांव के पास के ही एक लड़के के साथ वो भागी थी।

एसपी राजेश कुमार का कहना है कि अज्ञात मे मुकदमा लिखा गया था। पहले लड़की के भाग जाने की तहरीर मिली थी जिस पर मुकदमा क़ायम था। बाद मे उसने लाश की शिनाख्त किया और कहा यही मेरी लड़की है। लेकिन उसका कहना संदिग्ध लग रहा था हम लोगो ने उसकी छानबीन किया बात स्टेब्लिस्ट नही हो पाई के वो उसकी लड़की है। हम लोग उसे अज्ञात मे ही इन्वेस्टिगेट कर रहे हैं इसका अलग से अपहरण का मुकदमा दर्ज है। लेकिन एसपी स्वयं अपने ही बयान मे फंस गए उन्होंने कहा कि बृजलाल ने भाई को फंसाया नही था सिर्फ़ शिकायत किया था। बड़ा सवाल ये है जब शिकायत ही हुई थी तो महिला पर पुलिस ने लाठियां क्यों बरसाई और उसके पति को तीन दिन तक थाने मे क्यों बिठाए रखा? शायद इसका जवाब एसपी के पास नही है।

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि वीर बहादुर सिंह ने बताया कि बृजपाल पासी की पुत्री गायब हुई थी। नहर के पास लाश मिली सिर कटी उसे जानकारी हुई तो देखने नही गया 7-8 दिन बाद लाश जब सड़ गई और पोस्टमार्टम के लिए अमेठी गई तब उसने शिनाख्त किया की मेरी पुत्री है। लाश को दफना कर उसने कूटनीति के तहत फंसा दिया। जबकि गांव वाले कह रहे थे के मृतक लड़की का शव उसकी बेटी का नही है। इधर पुलिस आरोपी भाई को इसे कई बार ले गई। तभी पता चला की लड़की नहर पटरी के पास बस से उतरी है। मैने एसओ को फोन किया और फिर जाकर उस लड़की को पकड़ा गया।

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