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14 नवंबर को कूड़े के ढेर में अपना भविष्य तलाशते नजर आये बच्चे

locationअमेठीPublished: Nov 14, 2017 07:41:13 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

आजादी के 70 साल बाद अमेठी के नौनिहालों को नहीं मिली आजादी, फुटपाथ पर कपड़े बेचते व भीख मांगते मिले बच्चे.

Poor Kid

Poor Kid

अमेठी. गांधी नेहरू परिवार के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में आज भी नौनिहालों को आजादी नहीं मिल पाई है। जिस जिला प्रशासन व माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 14 नवंबर को प्रतियोगिता के साथ तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाने की बात कही थी। उस बाल दिवस पर अमेठी के जायस नगर पालिका में अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां बाल दिवस के दिन छोटे-छोटे बच्चे स्कूलों में होने के बजाय नगर पालिका परिषद के गलियारों में कूड़ा कबाड़ बीनने के साथ भीख मांगते नजर आये। भारत के पूर्व यशस्वी प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जिन बच्चों को देश के भविष्य की तरह देखते थे, अपना अधिकतम समय बच्चों के साथ बिताना पसंद करते थे, इसके अलावा वे बच्चों के प्रति अपना लगाव भी जाहिर करते थे, उनका यह सपना अमेठी में आज 14 नवम्बर को बाल दिवस के दिन धराशायी नजर आया। आपको बताते चलें कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जयंती को आज के दिन अर्थात 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में बताने के साथ लोगों को जागरूक किया जाता है। कहा जाता है कि नेहरू जी बच्चों को बेहद प्यार करते थे इसलिए उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में चुना गया। आपको बताते चले कि पंडित नेहरू ने भारत की आजादी के बाद बच्चों की शिक्षा, प्रगति और कल्याण के लिए बहुत काम किया था। उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थान जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारती प्रबंधन ससंस्थान की स्थापना भी की थी। इन सबके बाद कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी में हालात बद से बदतर नजर आ रहा है।
बच्चों की ये स्थिति वाकई में भयावह है। गरीबी के चलते उनसे ऐसे कूृड़ा बटोरवाना व भीख मंगवाले का काम करवाना, देश के भविष्य को किस ओर ले जा रहा है, इसे दर्शाता है।
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