कर्मियों के प्रदर्शन के चलते ओपीडी आदि सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहीं। बता दें कि रायबरेली सांसद सोनिया गांधी इस हॉस्पिटल की चेयरपर्सन हैं। 21 दिनों से हड़ताल पर हैं। जिला मुख्यालय से 17 किमी दूर मुंशी गंज इलाके में स्थित इस हॉस्पिटल के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 21 दिनों से कार्य नहीं कर रहे हैं और लगातार हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल तंत्र उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। यही नहीं आरोप है कि इन्हें इतना कम वेतन दिया जाता है कि वे अपने परिवार का पालन-पोषा नहीं कर पा रहे हैं।
27 सालों से लड़ रहे इंसाफ की लड़ाई यहां प्रदर्शन कर रहे कई कर्मचारियों ने बताया कि 1991 से वो यहां पर काम कर रहे हैं। आरोप है कि पिछले 27 सालों से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें आज तक इंसाफ नहीं मिला। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर वे कई बार सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिले पर उन्होंने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
…तो हम इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर देंगे
बतादें कि संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की चेयमैन सोनिया गांधी हैं। राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, सतीश शर्मा और मोतीलाल बोरा ट्रस्टी हैं। संजय गांधी अस्पताल में इलाज प्राइवेट नर्सिंग होम से भी महंगा है। बुधवार को धरने के २२वें दिन वर्कर्स ने अर्धनग्र होकर प्रदर्शन किया। जिसके कारण हॉस्पिटल ओपीडी समेत सारी सेवाएं बंद रहीं। कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारी मांगों को अनदेखा किया गया तो हम इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं हॉस्पिटल इंचार्ज अवधेश शर्मा ने इस मामले में कहा कि कर्मचारियों की मांगे जायज नहीं हैं, अभी कुछ दिन पहले इन्होंने बेमियादी धरना दिया था, जिसमें इनकी सारी मांगे मान ली गई थी। फिर इन्होंने नाजायज मांगों को लेकर धरना शुरू किया है जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को 12 हजार से अधिक वेतन दिया जाता है।
बतादें कि संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की चेयमैन सोनिया गांधी हैं। राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, सतीश शर्मा और मोतीलाल बोरा ट्रस्टी हैं। संजय गांधी अस्पताल में इलाज प्राइवेट नर्सिंग होम से भी महंगा है। बुधवार को धरने के २२वें दिन वर्कर्स ने अर्धनग्र होकर प्रदर्शन किया। जिसके कारण हॉस्पिटल ओपीडी समेत सारी सेवाएं बंद रहीं। कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारी मांगों को अनदेखा किया गया तो हम इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं हॉस्पिटल इंचार्ज अवधेश शर्मा ने इस मामले में कहा कि कर्मचारियों की मांगे जायज नहीं हैं, अभी कुछ दिन पहले इन्होंने बेमियादी धरना दिया था, जिसमें इनकी सारी मांगे मान ली गई थी। फिर इन्होंने नाजायज मांगों को लेकर धरना शुरू किया है जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को 12 हजार से अधिक वेतन दिया जाता है।