यह है पूरा मामला विपिन यादव प्रतापगढ़ में रहने वाले अपने एक रिश्तेदार के घर गए थे। वहीं पर उसकी मुलाकात मंजूलता यादव से हुई। दोनों में प्यार हुआ और कुछ समय बाद परिवार वालों ने दोनों की शादी करा दी। मंजूलता के पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं। उन्होंने दहेज में अपने सामर्थ्य के अनुसार जो बन सका वह दिया। लेकिन मंजूलता के ससुराल वाले दहेज में मिलने वाली चीजों से ज्यादा संतुष्ट नहीं हुए। दहेज में ज्यादा समान न मिलने पर विपिन यादव का अपनी पत्नी से इस बात पर झगड़ा होने लगा। विपिन ने अपनी पत्नी को मारना शुरू कर दिया।
मंजूलता के मायके वालों को इसकी जानकारी नहीं थी। एक दिन मंजूलता अपने मायके गई तो वहीं पर पहुंचकर विपिन यादव ने उससे मारपीट की। इसके बाद दोनों के बीच के झगड़े का खुलासा हुआ। हालांकि, मंजूलता के परिवार वालों के समझाने के बाद विपिन शांत हुआ लेकिन कुछ दिन बाद दोबारा उसने अपनी बीवी को मारना शुरू कर दिया। रक्षाबंधन के दिन भाई को राखी बांधने गई मंजूलता ससुराल पहुंची। इसके कुछ दिन बाद उसकी घर में फंदे से लटकती लाश मिली। मंजूलता पांच महीने के गर्भ से थी।
सास-ससुर और पति के खिलाफ तहरीर मंजू की मौत का खुलासा तब हुआ जब गांव की रहने वाली एक महिला ने उसके पिता की बातें सुन लीं। उसने गांव में रहने वाली मंजू की बुआ को सब बताया। इसके उपरांत सूचना पर मौके पर पहुंची अमेठी कोतवाली पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उधर, मंजूलता के भाई अतुल ने कोतवाली अमेठी में पहुंचकर मंजूलता के सास-ससुर और पति के खिलाफ दहेज हत्या की तहरीर दी। कोतवाली पुलिस ने सुसंगत धाराओं को लगाते हुए तत्काल दहेज हत्या का मुकदमा पंजीकृत करते हुए आगे की कार्रवाई की।
फोन करने पर भी थी आपत्ति मंजू लता की मां ने बताया की मंजू के ससुराल वाले उसे दहेज को लेकर प्रताड़ित करते थे। अगर उनकी बटी खराब थी तो उसे वापस भेज देते लेकिन मारना नहीं चाहिए था। उन्होंने बताया कि वे लोग मंजूलता को मायके फोन तक नहीं करने देते थे। कई बार मंजूलता ने शादी तोड़नी चाही लेकिन परिवार वालों ने बिरादरी की बात कहकर उसकी शादी को बचाने का प्रयास किया।