scriptयहां सैकड़ों महिलाओं ने फिल्म पद्मावती का किया विरोध, निर्देशक भंसाली का फूँका पुतला | Several women protest against Padmavati film release in Amethi | Patrika News

यहां सैकड़ों महिलाओं ने फिल्म पद्मावती का किया विरोध, निर्देशक भंसाली का फूँका पुतला

locationअमेठीPublished: Dec 13, 2017 05:37:54 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

तीन विधायकों के विरोध के बाद आज अमेठी जनपद में किसान नेत्री रीता सिंह ने सैकड़ों महिलाओं के साथ फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध किया।

Padmavati Protest

Padmavati Protest

अमेठी. अमेठी के मुसाफ़िरखाना में तीन विधायकों के विरोध के बाद आज अमेठी जनपद के गौरीगंज मुख्यालय पर किसान नेत्री रीता सिंह ने सैकड़ों महिलाओं के साथ फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध किया। इतना ही नहीं, किसान नेत्री के साथ सड़क पर उतरी महिलाओं ने शहर में जुलूस निकालने के साथ फिल्म के ङायेरेक्टर संजय लीला भंसाली का पुतला फूंका। महिलाओं का मानना है कि फिल्म चली तो महारानी ‘पद्मावती’ का अपमान होगा।
आपको बताते चले कि पूरा मामला अमेठी जनपद के जिला मुख्यालय गौरीगंज से जुड़ा हैं, जहां आदि कवि मलिक मोहम्मद जायसी की नगरी अमेठी में पूर्व में कई संगठन के प्रदर्शन के बाद अमेठी जनपद के तीन विधायक फिल्म ‘पद्मावती’ के विरोध में बैठे थे। वो मामला अभी ठंडा नहीं हुआ कि आज फिर महिला किसान नेत्री रीता सिंह ने फिल्म पद्मावती के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। किसान नेत्री ने चौक बाजार से सैकड़ों महिलाओं के साथ जुलूस निकालते हुए कलेक्ट्रेट मोड़ पर फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली का पुतला फूंका और फिल्म का चलना इतिहास और नारी सम्मान के साथ धोखा बताया।
किसान नेत्री रीता सिंह ने दिए गए ज्ञापन में कहा कि महारानी पद्मावती उदयपुर की महारानी थी जिन्होंने अपने चरित्र और सतीत्व की रक्षा हेतू 13 हजार वीरंगनाओं के साथ जौहर कर लिया, जिनका चरित्र भारत वर्ष की महिलाओं के लिए आज भी आर्दश है। किसान नेत्री का मानना है कि जिन्हें आज भी महिलाएं आदर्श मानती हो उनके नाम पर बनी फिल्म मात्र मनोरंजन के लिए हो। साथ ही एक आर्दश वादी नारी को अलाउद्दीन खिलजी के प्रेम में नाचे गाते दिखाया गया हो, वो पूरी तरीके से इतिहास और नारी के सम्मान के साथ महज धोखा है।
प्रदर्शन के बाद किसान नेत्री रीता सिंह कलेक्ट्रेट पहुंची और उपजिलाधिकारी मोतीलाल यादव को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसान नेत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान के गौरवशाली इतिहास में जिस महिला का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा हो, उस नारी के नाम पर यह फिल्म नारी के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली है। हमें यह फिल्म बिल्कुल भी स्वीकृति नहीं है। इसे पूर्णतया प्रतिबंधित किया जाए।
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