आपको बताते चले कि पूरा मामला अमेठी जनपद के जिला मुख्यालय गौरीगंज से जुड़ा हैं, जहां आदि कवि मलिक मोहम्मद जायसी की नगरी अमेठी में पूर्व में कई संगठन के प्रदर्शन के बाद अमेठी जनपद के तीन विधायक फिल्म ‘पद्मावती’ के विरोध में बैठे थे। वो मामला अभी ठंडा नहीं हुआ कि आज फिर महिला किसान नेत्री रीता सिंह ने फिल्म पद्मावती के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। किसान नेत्री ने चौक बाजार से सैकड़ों महिलाओं के साथ जुलूस निकालते हुए कलेक्ट्रेट मोड़ पर फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली का पुतला फूंका और फिल्म का चलना इतिहास और नारी सम्मान के साथ धोखा बताया।
किसान नेत्री रीता सिंह ने दिए गए ज्ञापन में कहा कि महारानी पद्मावती उदयपुर की महारानी थी जिन्होंने अपने चरित्र और सतीत्व की रक्षा हेतू 13 हजार वीरंगनाओं के साथ जौहर कर लिया, जिनका चरित्र भारत वर्ष की महिलाओं के लिए आज भी आर्दश है। किसान नेत्री का मानना है कि जिन्हें आज भी महिलाएं आदर्श मानती हो उनके नाम पर बनी फिल्म मात्र मनोरंजन के लिए हो। साथ ही एक आर्दश वादी नारी को अलाउद्दीन खिलजी के प्रेम में नाचे गाते दिखाया गया हो, वो पूरी तरीके से इतिहास और नारी के सम्मान के साथ महज धोखा है।
प्रदर्शन के बाद किसान नेत्री रीता सिंह कलेक्ट्रेट पहुंची और उपजिलाधिकारी मोतीलाल यादव को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसान नेत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान के गौरवशाली इतिहास में जिस महिला का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा हो, उस नारी के नाम पर यह फिल्म नारी के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली है। हमें यह फिल्म बिल्कुल भी स्वीकृति नहीं है। इसे पूर्णतया प्रतिबंधित किया जाए।