सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि यूपीए-2 की सरकार के समय कांग्रेस का बयान था कि राम का कोई अस्तित्व नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में इसका हलफनामा भी दिया गया था। बिना किसी का नाम लिए सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस के एक बड़े हैं जो वकील भी हैं, उन्होंने कहा था कि यह काल्पनिक बात है कि भगवान राम यहां पैदा हुए थे। इस लिहाज से प्रियंका को मांफी मांगनी चाहिए और तभी मंदिर में प्रवेश करना चाहिए।
अपनी दादी और पिता की तरह गरीबों का वोट लेना चाहते हैं राहुल राहुल गांधी पर कटाक्ष कर सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि वे अपनी दादी और पिता की तरह गरीबों का वोट तो लेना चाहते हैं, मगर उनके लिए करना कुछ नहीं चाहते। राहुल को सांसद निधि में 25 करोड़ रुपये मिले मगर अमेठी के विकास के लिए उन्होंने सिर्फ 9 करोड़ का इस्तेमाल किया। जो व्यक्ति अपने सांसद निधि का 50% भी नहीं खर्च कर पाया हो वह गरीबों के अकाउंट में क्या पैसा डालेगा।
राम मंदिर भाजपा का एजेंडा नहीं सिद्धार्थ नाथ सिंह ने राम मंदिर को भाजपा का चुनावी एजेंडा नहीं बल्कि विश्वास का एजेंडा बताया। उनका कहना है कि चुनाव हो न हो राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। कपिल सिब्बल ने कोर्ट में खड़े होकर कहा था की 2019 के बाद मंदिर पर निर्णय होना चाहिए। यह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मामला है।