अमेठी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं दो बच्चों की मां हूं, अपने बच्चों को देखती हूं। सास-ससुर, माता-पिता की सेवा करती हूं। मंत्री हूं, मंत्रालय का काम करती हूं, गुजरात से दो वक़्त से सांसद हूं, वहां के लिए काम करती हूं और अमेठी के लिए समय निकालती हूं। अमेठी ने सवाल किया कि क्या राहुल गांदी जी खाना पकाते हैं, बच्चे बड़े करते हैं? मंत्रालय जाते हैं? नहीं। ईरानी ने कहा कि उनके पास समय ही समय है, लेकिन अमेठी को समय इसलिए नहीं देते ताकि अमेठी सदैव लाचार रहे और कांग्रेस के सामने हाथ फैलाती रहे। राहुल गांधी ने एक बार भी आप से मिलने की तकलीफ नहीं उठाई।
स्मृति इरानी ने आगे कहा कि लोकतंत्र एक ऐसी ताकतवर चीज है जिसमें चुनाव आते ही बड़े से बड़ा दिग्गज, छोटे से छोटे घर में जाकर प्रणाम करता है और वोट मांगता है। आप दिल पर हाथ रखकर कहे राहुल गांधी ने कभी आकर हाथ जोड़ कर आपसे वोट मांगा है। आपको वो इस सम्मान के लायक नहीं समझते। तो क्या इस अपमान का जवाब अमेठी की जनता देगी? क्योंकि अभी नहीं तो कभी नहीं। इस बार अपने परिवार, अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट दें।