मृतक के बेटे ने बताया कि पिता जी ने लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी के लिए चौबीस घंटे चुनाव प्रचार किया। जीत के बाद शनिवार को विजय यात्रा निकाली गई थी। इसमें वह भी शामिल हुए थे। बेटे ने कांग्रेस समर्थकों द्वारा सुरेंद्र सिंह की हत्या करने की आशंका जताई है। कहा कि कुछ कांग्रेस समर्थक जो उन्हें पसंद नहीं करते थे, शायद उन्होंने गोली मारी है। मृतक के चचेरे भाई धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि रात में फोन पर सूचना गई कि प्रधान बाबू को किसी ने मार दिया। गोली किसने मारी यह पक्के तौर पर तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन चुनावी रंजिश हो सकती है।
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि मामले में 6-7 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी। मामले के खुलासे के लिए तीन टीमें बनाकर छापेमारी की जा रही है। प्रथम दृष्टया मामला पारिवारिक रंजिश का लग रहा है। डीजीपी ऑफिस से सघन मॉनिटरिंग हो रही है।
सुरेंद्र सिंह ने बीते लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी के चुनाव प्रचार में काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इलाके के ज्यादातर जगहों पर स्मृति सुरेंद्र के साथ ही चुनाव प्रचार करने जाती थीं। कई मौकों पर दोनों की साथ-साथ फोटो भी है। कई गांवों में सुरेंद्र सिंह का खासा प्रभाव था, स्मृति को जिसका फायदा इस चुनाव में मिला। स्मृति ईरानी ने अमेठी में राहुल गांधी को हराकर कांग्रेस के गढ़ में कमल खिलाने का काम किया है। आपको बता दें कि बरौलिया वह गांव है, जिसे मनोहर पर्रिकर ने गोद लिया था। यह वही गांव है, जहां चुनाव प्रचार के दौरान स्मृति ईरानी ने जूते बंटवाये थे।