बजट के अभाव में नहीं बन पा रहा विद्यालय, जर्जर इमारत के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र
– प्राथमिक विद्यालय की जर्जर इमारत के कारण खुले में पढ़ने को मजबूर छात्र
– दो साल से शिकायत करने के बाद भी नहीं ठीक हुई हालत
– बारिश में जर्जर स्कूल की छत के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हुए छात्र
बजट के अभाव में नहीं बन पा रहा विद्यालय, जर्जर इमारत के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र
अमेठी. उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लाख दावे और करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन आज भी सरकारी स्कूलों की हालत में सुधार नहीं। अमेठी जिले के जामो विकास खंड शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में ऐसा एक मामला सामने आया। यहां पढ़ने वाले 72 छात्र कक्षा के बाहर पढ़ने को मजबूर हैं। वजह है विद्यालय और कक्षा की जर्जर हालत। पिछले दो सालों से विद्यालय का हाल ऐसा ही है। पिछले कई सालों में सरकारें और दर्जनों अधिकारी बदले गए। लेकिन विद्यालय की हालत में सुधार करने का बीड़ा किसी ने नहीं उठाया। हालांकि, जर्जर छत को छिपाने के लिए रंगाई पुताई कराई गई लेकिन इसके बाद भी विद्यालय की शक्ल ज्यों की त्यों रही। लिहाजा, यहां के प्राथमिक विद्यालय में बच्चे खुली छत के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं।
दो साल से हो रही शिकायतें विद्यालय में सुधार लाने के लिए दो साल से शिकायतें की जा रही हैं। शिकायत के बाद भी यहां की जर्जर इमारतों को ठीक नहीं कराया गया। किसी अधिकारी ने मामले में संज्ञान नहीं लिया। विद्यालय की छात्रा सृष्टि ने बताया कि आज तक कोई भी अधिकारी विद्यालय में कुछ चेक करने नहीं आया। बरसात में विद्यालय में पानी भी भर जाता है और जर्जर छतों से गिट्टी बच्चों के ऊपर गिरती है। स्कूल के कमरे में पानी टपकता है, बाउंड्री टूटी है। झाड़ियों के होने के कारण बच्चों को डर लगता है कि कहीं जहरीले जंतु न आ जाऐं। उसने बताया कि बरसात के मौसम में जर्जर स्कूल की छत के नीचे और गर्मी में मजबूरन बाहर बैठकर पढ़ना पड़ता है।
बजट के अभाव में नहीं बन रहा विद्यालय विद्यालय की जर्जर हालत पर बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार मिश्रा ने कहा कि यह मामला डीपीआरओ के संज्ञान में लाया गया है। विद्यालय बहुत पुराना है। भारी बजट न होने के कारण विद्यालय के निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है। इस मामले में जिला पंचायतराज अधिकारी से बातकर विद्यालय की हालत को सुधारने का आदेश दिया गया है।