दौराई में सहकारी दुग्ध समिति के संचालक किशनलाल चौधरी की दिनदहाड़े हत्या कर फरार हुए चचेरे भाई दिलीप चौधरी ने रामगंज थाना पुलिस के सामने गुरुवार शाम आत्मसमर्पण कर दिया।
अजमेर। दौराई में सहकारी दुग्ध समिति के संचालक किशनलाल चौधरी की दिनदहाड़े हत्या कर फरार हुए चचेरे भाई दिलीप चौधरी ने रामगंज थाना पुलिस के सामने गुरुवार शाम आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस उससे हत्या की वारदात में इस्तेमाल हथियार व चिली स्प्रे की बोतल तलाशने में जुटी है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि दौराई में हत्या की वारदात के बाद पुलिस उप अधीक्षक दक्षिण ओमप्रकाश के निर्देशन में रामगंज थानाप्रभारी रविन्द्रसिंह खींची के नेतृत्व में गठित टीम ने वारदात में फरार आरोपी दिलीप चौधरी की तलाश शुरू की। पड़ताल में सामने आया कि आरोपी ने वारदात के बाद मोबाइल फोन बंद कर लिया। पुलिस ने तकनीक की मदद लेते हुए आसपास के 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली। पुलिस ने फुटेज के आधार पर आरोपी के रास्ते को ट्रेक करना शुरू किया। इधर पुलिस का दबाव बढ़ता देखकर हत्या के आरोपी दौराई मुख्य बाजार निवासी दिलीप चौधरी ने गुरूवार शाम को रामगंज थाने में आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस पड़ताल में दिलीप चौधरी ने बताया कि उसकी पत्नी रेणु चौधरी गत 7-8 माह से पीहर में रह रही थी। जिसे वह साथ नहीं रखना चाहता था लेकिन ताऊ का बेटा किशनलाल जाट (मृतक) उस पर पत्नी रेणु को साथ रखने का दबाव बना रहा था। आरोपी दिलीप को संदेह था कि किशनलाल उसकी पत्नी से बातचीत करता है। इससे वह किशनलाल जाट से रंजिश रखने लगा। इस पर उसने किशनलाल के चेहरे पर मिर्ची का स्प्रे डालकर सीने में गुप्ती मारकर हत्या कर दी।
जांगिड़ ने बताया कि 20 नवम्बर को परिवादी दौराई निवासी हंसराज चौधरी ने रिपोर्ट दी कि सुबह 11 बजे उसके ताऊ का बेटा किशनलाल चौधरी अपनी डेयरी में बैठा था। तभी दिलीप चौधरी डेयरी पर आया। उसने किशनलाल पर चिली स्प्रे कर सीने पर गुप्ती से वार करके भाग गया। परिजन ग्रामीणों की मदद से किशनलाल को जेएलएन अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने रिपोर्ट पर हत्या का मुकदमा दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।,