अलवर

कक्षा छह के विद्यार्थी पढ़ेंगे… प्रदेश में सात संभाग और 33 जिले

पाठ्यक्रम में नया बदलाव नहीं किया, पुराने सिलेबस के अनुसार ही करनी होगी पढ़ाईअलवर. सरकारी स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान गड़बड़ा सकता है, क्योंकि पाठ्यक्रम में नया बदलाव नहीं किया है। ऐसे में प्रदेश भर के विद्यार्थियों को पुराने सिलेबस के अनुसार ही पढ़ाई करनी होगी। बच्चों को यही बताया जाएगा कि […]

2 min read
Jul 19, 2024

पाठ्यक्रम में नया बदलाव नहीं किया, पुराने सिलेबस के अनुसार ही करनी होगी पढ़ाई
अलवर. सरकारी स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान गड़बड़ा सकता है, क्योंकि पाठ्यक्रम में नया बदलाव नहीं किया है। ऐसे में प्रदेश भर के विद्यार्थियों को पुराने सिलेबस के अनुसार ही पढ़ाई करनी होगी। बच्चों को यही बताया जाएगा कि प्रदेश में जिले 33 हैं, जबकि संख्या 50 हो गई।
कक्षा 6 की पुस्तक हमारा राजस्थान में पाठ्यक्रम संशोधित नहीं हुआ है। इसके अनुसार राजस्थान का परिचय में अब भी प्रदेश में सात संभाग और 33 जिले ही बताए गए हैं। ऐसे में शिक्षक और विद्यार्थी असमंजस में हैं कि क्या सही है और क्या गलत।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के जिलों की संख्या बढ़ाने के साथ ही संभागों की संख्या में भी बढ़ोतरी की थी। इसके बावजूद मौजूदा शैक्षणिक सत्र में अध्ययनरत प्रदेश के लाखों विद्यार्थी अब भी प्रदेश में 7 संभाग और 33 जिलों का ही अध्ययन करेंगे। राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल की ओर से प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में हाल ही पुस्तकें वितरित की गई। नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों में सिलेबस अपडेट नहीं हुआ है। ऐसे में सत्र पर्यन्त विद्यार्थी पुराने सेटअप के अनुसार ही पढ़ाई करेंगे।
ये हैं नए जिले और संभाग
पूर्ववर्ती सरकार ने 17 नए जिले और 3 नए संभाग बनाए थे। इसके अनुसार अब 10 संभाग और 50 जिले हो चुके हैं। इसमें सीकर, बांसवाडा और पाली को संभाग बनाया गया था। नए जिलों में अनूपगढ, बालोतरा, ब्यावर, डीग, कुचामन, दूदू, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, डीडवाना, गंगापुर सिटी, नीमकाथाना, सलुम्बर, सांचोर, शाहपुरा को नया जिला बनाया गया था।
इनका कहना है
सरकार और शिक्षा विभाग को नए सत्र की पाठ्य पुस्तकों को जारी करने से पहले उनका विश्लेषण विद्वान शिक्षाविदों से आवश्यक रूप से करा लेना चाहिए। गलत कंटेंट के कारण बच्चों और शिक्षकों के बीच में कंट्रोवर्सी पैदा होती है। शिक्षा विभाग पाठ्य पुस्तकों में इस प्रकार की विसंगतियों को गंभीरता से ले।

  • संजय कौशिक, प्रदेश महामंत्री, प्रबोधक संघ, राजस्थानइस तरह की गलतियों के लिए पाठ्य पुस्तक मंडल जिम्मेदार है। नए जिले और नए संभाग की जानकारी संशोधित की जानी चाहिए थी। अब जो पाठ्यक्रम में लिखा है इसे स्कूल में शिक्षक स्तर पर सही करवाकर पठाया जाना चाहिए। वरना बच्चों तक गलत जानकारी जाएगी।
  • विष्णु स्वामी, सेवानिवृत्त उपनिदेशक, स्कूल शिक्षा।
Published on:
19 Jul 2024 05:55 pm
Also Read
View All

अगली खबर