बारां

सावों की ग्राहकी का बाजार पर असर, अच्छी पैदावार के बावजूद ग्राहकी मंद

हालांकि इस बार पिछले दो माह में सोने-चांदी के बढ़े भावों ने शादी वाले घरों में जेवर बनवाना मुश्किल कर दिया है।

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Apr 26, 2025
स्वर्णकारों की दुकानों पर दुल्हन के लिए जेवर लेने के लिए एडवांस बुङ्क्षकग करा चुके लोग जेवर लेने पहुंच रहे हैं। हालांकि इस बार पिछले दो माह में सोने-चांदी के बढ़े भावों ने शादी वाले घरों में जेवर बनवाना मुश्किल कर दिया है।

सोने-चांदी के भावों ने बिगाड़ा शादी-ब्याह का गणित

मांगरोल. आखातीज के अबूझ सावों पर होने वाले शादी-ब्याह के सीजन के चलने के साथ ही बाजार गुलजार होने लगे हैं। मनिहारी की दुकानों पर मंडप दुल्हन के लिए ङ्क्षसगारदान लेने की भीड़ मची है तो जनरल स्टोर पर लाडे-लाडी के जूते, चप्पल, अटैची व अन्य सामान की खरीदारी हो रही है। कपड़े की दुकानों पर भी नई नई वैरायटी की साडिय़ां ग्राहकों का मन लुभा रही हैं। कपड़े की वैरायटी में नई डिजाइन की साड़ी की काफी डिमांड हो रही है। स्वर्णकारों की दुकानों पर दुल्हन के लिए जेवर लेने के लिए एडवांस बुङ्क्षकग करा चुके लोग जेवर लेने पहुंच रहे हैं। हालांकि इस बार पिछले दो माह में सोने-चांदी के बढ़े भावों ने शादी वाले घरों में जेवर बनवाना मुश्किल कर दिया है। इस बार क्षेत्र में फसलों की पैदावार तो अच्छी हुई, लेकिन उसके बाद सोने चांदी के आसमान छूते भावों ने शादी का बजट बिगाड़ दिया है। जिन घरों में शादियां हैं। उनमें शादी के पहले होने वाली लगुन की रस्में पूरी करने के लिए सामान की तैयारी होने लगी है। हलवाइयों ने सावों की ग्राहकी के कारण एक साथ आई शादियों के कारण दाम बढ़ा दिए हैं। टेंट वालों की भी पौ-बारह हो रही है। दाम बढ़ाकर देने के बाद भी घोडिय़ां नहीं मिल रही।

बाजेवाले नहीं मिल रहे तो डीजे की गाड़ी ले रहे

बैंडबाजों का भी यही हाल है। मनमांगे दाम लेने के बाद भी सबकी कमी पूरी करना उनके बस की बात नहीं रही है। इन सबका तोड़ भी लोगों ने निकाल लिया है। पिछले साल के मुकाबले इस बार डीजे का चलन बढ़ा है। इस पर ही शादी के सब काम हो जाते हैं। अब गांवों में शादी ब्याह व लगुन चढ़ाने के समय पटाखे चलाने के चलन के चलते पटाखों की बिक्री दिवाली के दिनों से भी ज्यादा हो रही है। चाहे कपड़ों की सिलाई की बात हो या शादी के लिए वाहन किराए पर करने की सब के दाम मंहगाई और इस पर सावे की मार के कारण बढ़ाकर बोले जा रहे हैं। कपडा व्यवसायी गौरव मारु का कहना था कि पिछले सालों के मुकाबले इस बार कपडे के दामों में ज्यादा तेजी नहीं है।

इस बार ज्यादा शादियां

अप्रेल माह के आखातीज के अबूझ सावे के बाद भी सावे हैं। इस बार अबूझ सावों को छोड़ दें तों शादियों के मुहुर्त अप्रेल मई जून में भरपूर हैं। ऐसे में अबूझ सावों के अलावा भी शादियों की धूम रहने वाली है। इस बार क्षेत्र में खेती किसानी के हिसाब से प्रति बीघा उपज अच्छी हुई है। लेकिन भाव अच्छे नहीं रहने से लहसुन रोकना मजबूरी हो गई है।

Updated on:
26 Apr 2025 12:23 am
Published on:
26 Apr 2025 12:18 am
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