विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने नये साल का आगाज काली पट्टी बांधकर काला दिवस के साथ किया।
बरेली। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने नये साल का आगाज काली पट्टी बांधकर काला दिवस के साथ किया। संघर्ष समिति ने पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन और शीर्ष प्रबंधन ने नव वर्ष पर सामाजिक बहिष्कार करने की घोषणा पहले ही कर दी थी।
बुधवार 1 जनवरी को बिजली कर्मी लंच के दौरान अपने कार्यालय के बाहर आकर काली पट्टी बांधे हुए विरोध दर्ज किया। कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के साथ हुए दो समझौतों का खुला उल्लंघन कर पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय घोषित कर दिया गया है। इस पर बिजली कर्मचारी खामोश नहीं बैठेंगे।
प्रदेश में निजीकरण की कोई भी एकतरफा कार्रवाई शुरू की गई तो देश के 27 लाख बिजली कर्मी मूक दर्शक नहीं रहेंगे। उत्तर प्रदेश बिजली कर्मियों के समर्थन में देशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। पावर ऑफिसर एसोसिएशन अध्यक्ष के आदेश के बाद बिजली विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज किया पर नियमित कार्य करते हुए उपभोक्ता सेवा में कोई भी गिरावट नहीं आने दी।
निजीकरण के विरोध में चल रही बिजली पंचायतों के क्रम में पांच जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित की जाएगी। प्रयागराज की बिजली पंचायत के बाद प्रदेश के सभी जिलों में बिजली पंचायत आयोजित कर निजीकरण के विरोध में आम उपभोक्ताओं और किसानों को होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाएगा।