जिले में लंबे समय से सक्रिय टप्पेबाज गिरोह का एसओजी टीम ने भंडाफोड़ कर पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह में तीन पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं, जो पिछले कई वर्षों से बैंक से पैसे निकालने वाले लोगों को शिकार बना रहे थे।
बरेली। जिले में लंबे समय से सक्रिय टप्पेबाज गिरोह का एसओजी टीम ने भंडाफोड़ कर पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह में तीन पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं, जो पिछले कई वर्षों से बैंक से पैसे निकालने वाले लोगों को शिकार बना रहे थे। पुलिस ने इनके पास से वारदात में इस्तेमाल ई-रिक्शा और 93,500 रुपये बरामद किए हैं।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि यह गिरोह वारदात के बाद गायब हो जाता था, जिससे कई पुराने मामलों का खुलासा नहीं हो पा रहा था। इस पर एसओजी इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह धामा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। कड़ी मशक्कत के बाद गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।
एसओजी की पूछताछ में गिरोह ने कोतवाली, भोजीपुरा, मीरगंज, फतेहगंज पश्चिमी, किला और फरीदपुर थाना क्षेत्र में कई वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल की है। इनमें से कुछ घटनाओं की पुष्टि हो चुकी है, जबकि बाकी मामलों की जांच जारी है।
आदिल और उस्मान अली – 7-7 मुकदमे
असगर अली – 8 मुकदमे
शबा और नूरी – 5-5 मुकदमे
इस गिरोह का मुख्य तरीका यह था कि वे बैंक में पैसे निकालने वाले लोगों पर नजर रखते थे। गिरोह के एक-दो सदस्य बैंक के अंदर रेकी करते और देखते कि किस व्यक्ति ने कितनी रकम निकाली और उसे किस जेब में रखा। फिर बाहर खड़े साथियों को इशारा कर देते। गिरोह के सदस्य उस व्यक्ति को अपने ई-रिक्शा में बैठा लेते और सफर के दौरान किसी बहाने से रकम उड़ा लेते। अगर ई-रिक्शा में मौका न मिलता, तो गिरोह के सदस्य रिक्शा खराब होने का बहाना बनाकर सभी यात्रियों को उतार देते और शिकार बने व्यक्ति को धक्का लगाने के बहाने बातचीत में उलझाकर पैसे निकाल लेते।