Pm Awas Yojana: नवागढ़ जनपद क्षेत्र में आने वाले ग्राम अमलीडीह की महिला हितग्राहियों ने पीएम आवास योजना के तहत जनपद पंचायत में स्टाफ द्वारा नकद रकम लेकर भी स्वीकृति नहीं देने की शिकायत कलेक्टर से की है। ग्रामीण महिलाएं 6 साल से आवास के लिए चक्कर लगा रही हैं। यह भी पढ़ें: कचना पीएम […]
Pm Awas Yojana: नवागढ़ जनपद क्षेत्र में आने वाले ग्राम अमलीडीह की महिला हितग्राहियों ने पीएम आवास योजना के तहत जनपद पंचायत में स्टाफ द्वारा नकद रकम लेकर भी स्वीकृति नहीं देने की शिकायत कलेक्टर से की है। ग्रामीण महिलाएं 6 साल से आवास के लिए चक्कर लगा रही हैं।
जानकारी हो कि जिले में लंबे अर्से से पीएम आवास के लिए ग्रामीण आवेदक बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। आवास योजना के तहत आये दिन कई तरह की शिकायत मिल रही है। पूर्व में जनपद पंचायत में कर्मचारियों पर उनके खाते में ऑनलाइन रकम लेने की शिकायत कलेक्टर से की थी।
पुराने प्रकरण में जांच पूरी नहीं हो पाई है कि ग्राम अमलीडीह की 19 महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर गांव के जरूरतमंद परिवार को पीएम आवास का लाभ नहीं मिलने की बात कहते हुए लिखित शिकायत की है।
शिकायत करने वाली महिलाओं ने बताया कि उनके गांव को छोड़कर दीगर गांव के लोगों को इस योजना का लाभ देते हुए किस्त की राशि जारी की जा चुकी है। बावजूद इसके उनके गांव में आवेदक होने के बाद भी वंचित रखा जा रहा है।
मनीबाई, जेठिया बाई, लताबाई व सुकनी समेत अन्य महिलाओं ने बताया कि उनका गांव अमलीडीह ठेंगाभाट पंचायत के अधीन आता है। उनके गांव के 19 हितग्राहियों का नाम आवास सूची में आया था पर आज 6 साल से उनके खाते में रकम नहीं डाली गई है। यूं कहें तो उनको एक भी किस्त जारी नहीं हुई है।
परेशान होकर जब वे जनपद पंचायत नवागढ़ में जानकारी लेने पहुंची तो 2011 की सर्वे सूची में नाम नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया गया। गांव में बीते 10 साल से एक भी ग्रामीण को आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। जानकारी मांगने पर जिम्मेदार दो तरफा बात करते हैं। एक तरफ नाम आने का तो दूसरी तरफ सर्वे सूची में शामिल नहीं होने का जबकि ऑनलाइन उनका नाम मौजूद है।
गीताबाई, उतरा, चंद्रकली व सुहरी समेत अन्य महिलाओं ने जानकारी दी कि जनपद पंचायत नवागढ़ में कार्यरत स्टाफ द्वारा उनकी तरह और अन्य महिला हितग्राहियों से तीन-तीन हजार रुपए की नकद रकम ली गई है। रकम लेने के एक साल बाद भी उनको आवास की किस्त नहीं मिली है। आवेदकों ने कलेक्टर को आवेदन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।