राज्य सरकार का निर्णय : कार्यकाल समाप्त होने पर प्रशासकीय समितियां भी होंगी गठित
राजस्थान पंचायती राज अधिनियम के तहत राज्य सरकार ने बड़ा फैसला किया है। जिन ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 15 अक्टूबर तक समाप्त हो रहा है और अपरिहार्य कारणों से चुनाव नहीं हो पा रहे हैं, वहां निवर्तमान सरपंच प्रशासक होंगे। पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक पंचायत में प्रशासकीय समिति भी बनाई जाएंगी। यह फैसला राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों के कामकाज को सुचारू रखने और प्रशासनिक शून्य की स्थिति से बचाने के लिए किया है। समिति में वही लोग होंगे, जो कार्यकाल समाप्त होने से पहले उपसरपंच व वार्ड पंच रहे हैं। समिति प्रशासक की सलाहकार भूमिका निभाएगी। प्रशासक, अधिनियम और नियमों में वर्णित शक्तियों व कर्तव्यों का प्रयोग समिति से परामर्श के बाद करेंगे। ग्राम पंचायत के खातों का संचालन निवर्तमान सरपंच (प्रशासक) और ग्राम विकास अधिकारी मिलकर करेंगे। वित्तीय शक्तियों का भी प्रयोग इन्हीं दोनों के पास रहेगा।
प्रशासक व समिति की कार्यावधि
नई पंचायत के गठन तक प्रशासक और प्रशासकीय समिति का कार्यकाल जारी रहेगा। कार्यावधि तब समाप्त होगी, जब नवगठित ग्राम पंचायत की प्रथम बैठक आयोजित होगी।
सरकार ने जिला कलक्टरों को दिया अधिकार
अधिनियम की धारा-98 के तहत राज्य सरकार ने सभी जिला कलक्टर को आदेश दिए हैं। कलक्टर अपने-अपने जिलों की उन पंचायतों में जिनका कार्यकाल पूरा हो रहा है, प्रशासक नियुक्त करेंगे और प्रशासकीय समितियां गठित करेंगे।
यह होंगे महत्वपूर्ण बिंदु