क्षेत्र में इस साल हुई भरपूर बरसात का असर फसलों पर भी देखने को मिल रहा है। नलकूपों व बांधों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता के कारण इस साल अधिकांश किसानों ने गेहूं की बुवाई की है। इसके साथ ही चना की बुवाई भी गत वर्ष के मुकाबले आधी रह गई है।
गुढ़ानाथावतान. क्षेत्र में इस साल हुई भरपूर बरसात का असर फसलों पर भी देखने को मिल रहा है। नलकूपों व बांधों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता के कारण इस साल अधिकांश किसानों ने गेहूं की बुवाई की है। इसके साथ ही चना की बुवाई भी गत वर्ष के मुकाबले आधी रह गई है। जानकारी अनुसार क्षेत्र में इस साल मानसून के दौरान औसत से ज्यादा बारिश हुई और भूमिगत जल का स्तर काफी ऊपर आ गया है। अच्छी बारिश व जल स्तर बढऩे से इस साल अधिकांश किसानों ने सरसों व चना की जगह गेहूं की फसलें बोई है। क्षेत्र की मंगाल व रामनगर पंचायत में ही कुछ किसानों ने सरसों व चना की फसल की है। कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार गत वर्ष के मुकाबले इस साल गेंहू का रकबा लगभग दोगुना हो गया है साथ ही सरसों व चना की बुवाई 35 प्रतिशत रह गई है।
भीमलत में 17 व अभयपुरा में भरा है 22 $फीट पानी :अच्छी बरसात के चलते इस साल बांध व जलाशयों में भी ङ्क्षसचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है। जल संसाधन विभाग की जानकारी अनुसार मंगलवार सुबह तक 34 $फीट भराव क्षमता वाले भीमलत बांध में 17 $फीट जबकि 26 $फीट भराव क्षमता वाले अभयपुरा बांध में 22.10 $फीट पानी उपलब्ध है। इस समय किसानों को रेलने के अलावा ङ्क्षसचाई के लिए दूसरा पानी दिया जा रहा है।
बीच में दो बार हल्की मावठ होने व ओंस अधिक पडऩे से पानी की बचत हुई है। अभी ङ्क्षसचाई के लिए तीसरे पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण गेहूं की अच्छी पैदावार होने की संभावना है।
गेहूं के भाव इन दिनों बूंदी कृषि उपज मंडी में करीब तीन हजार रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल है। इस वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य सौ रुपए बोनस के साथ 2525 रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल कर दिया है, जो पिछले साल के मुकाबले 150 रुपए •ा्यादा है। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा। गेहूं की खरीदी के लिए विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।