जिले में डेंगू के 8 नए मरीज मिले हैं, इसमें सबसे ज्यादा मरीज छतरपुर शहर के हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मरीजों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि जिला अस्पताल की प्रयोगशाला में 400 सैंपल भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आना शुरू हो गई है।
छतरपुर. जिले में डेंगू के 8 नए मरीज मिले हैं, इसमें सबसे ज्यादा मरीज छतरपुर शहर के हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मरीजों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि जिला अस्पताल की प्रयोगशाला में 400 सैंपल भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आना शुरू हो गई है। हालांकि जिले में वर्ष 2023 में कोई मरीज नहीं मिला था, लेकिन अब एक साल बाद डेंगू के मामले सामने आने लगे हैं। मलेरिया विभाग के इंस्पेक्टर मनीष पटैरिया ने बताया कि नए मरीजों में छतरपुर में 4, लवकुशनगर में 2 और नौगांव में 2 सामने आए हैं। हालांकि लार्वा फिलहाल कहीं नहीं मिला है, क्योंकि बारिश में लार्वा बह जाता है।
मलेरिया विभाग के रिकॉर्ड में निजी अस्पतालों के मरीजों को शामिल नहीं किया जाता है। ये जो नए मरीज मिले हैं, उनका सरकारी अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। इनकी स्थिति में सुधार है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. गौरव खरे का कहना है कि वैसे तो बारिश होने से लार्वा जमा नहीं होता है, लेकिन पानी का जमाव अधिक दिनों तक नहीं रहना चाहिए, इसे साफ कर देना चाहिए। अधिक दिनों तक जमा पानी से एडीज मच्छर पनपने लगते हैं, जो डेंगू का कारण बनते हैं।
विभाग के मुताबिक 2017 में जिले में मलेरिया के 245 केस सामने आए जबकि डेंगू का एक भी मामला नहीं मिला। 2018 में मलेरिया के 104, डेंगू के 4 केस मिले। 2019 में मलेरिया के 61 और डेंगू के 8 केस सामने आए थे। वर्ष 2020 में छतरपुर शहर के बस स्टैंड इलाके में 11 वर्षीय बच्चे की 7 अक्टूबर को डेंगू से मौत हो गई थी। वहीं, फूला देवी मंदिर इलाके में भी 16 वर्षीय लडक़े की मौत हो गई थी। इसी तरह वर्ष 2021 में डेंगू के 4 मरीज सामने आए। सौंरा गांव के निवासी 18 वर्षीय निहित पटेल पिता दिलीप पटेल को 15 सितंबर को दिए गए सैंपल की मेडिकल कॉलेज ग्वालियर से आई जांच रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव पाई गई। तीन अन्य संदिग्ध मामले भी सामने आए, जो बाद में पॉजिटिव पाए गए। उनमें से एक जांच रिपोर्ट भोपाल और दो ग्वालियर में पॉजिटिव पाई गई थी। अनगौर निवासी 16 वर्षीय युवक का भोपाल में और 30 वर्षीय छापर गांव निवासी व 30 वर्षीय सलैया गांव निवासी युवक का ग्वालियर में इलाज किया गया। वर्ष 2022 में शहर के बकायन खिडक़ी और नजरबाग इलाके में 4 लोग डेंगू की चपेट में आए। जिसमें से 35 साल की महिला की जान चली गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से बीमार हुए, जिन्हें इलाज के लिए बाहर जाना पड़ा।
जिले में मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। डेंगू के दो मामले सामने आ चुके हैं तो वहीं मलेरिया फैलने की आशंका भी है। इन बीमारियों से बचने के लिए पायराथिन दवा का छिडक़ाव किया जाता है जहां डेंगू का लार्वा मिलता है वहां 50 घरों का लार्वा कलेक्टर करने की गाइड लाइन है। नाली और गमलों में टेमोफास नामक दवा का छिडक़ाव किया जाता है। फिलहाल विभाग के द्वारा किए जाने वाले इन कार्यों में कितनी सच्चाई है यह समझना मुश्किल है लेकिन आम जनता इन बीमारियों से बचने के लिए कदम उठा सकती है। इसके लिए घरों के आसपास मौजूद कूलर, मटके, गमले, गड्ढे आदि में पानी जमा न होने दें। यदि किसी जगह पर पानी जमा है तो वहां जला हुआ आयल डालें। मच्छरों से बचाव करें, खिडक़ी दरवाजों पर मच्छर जाली लगाएं। छोटे बच्चों के लिए ज्यादा खतरा है इसलिए उन्हें पार्कों में भेजने के पहले फुल कपड़े पहनाएं।