- बढ़ते हुए शहर को साप्ताहिक हाट बाजार की भी है दरकार
नगर निगम बनाने के लिए भले ही शहर को 110 वर्ग किमी के दायरे में ला दिया गया हो, लेकिन अभी भी आधारभूत, जरूरतों के लिए निगम की सीमा से सटे ग्रामीण वार्डों को शहर के मुख्य बाजार में ही आना पड़ता है। ऐसे में फव्वारा चौक, इतवारी, बुधवारी, गोलगंज सहित शनिचरा, गांधीगंज के क्षेत्र में वाहनों का जमावड़ा होना स्वाभाविक है। लेकिन इन बाजारों में पक्की दुकानों के बाहर फुटपाथ पर लगने वाली दुकानों दुकानों के कारण अक्सर बाजार में जाम की स्थिति बन जाती है। हाल ही में तीजा के पर्व के लिए जाम से निपटने के लिए यातायात पुलिस को कई रास्ते बड़े वाहनों के लिए रोकने तक पड़े। उल्लेखनीय है सडक़ संबंधी अव्यवस्था के मुख्य कारणों में नियमित हॉकर्स कार्नरों की कमी, कमजोर पार्किंग व्यवस्था के साथ-साथ ग्रामीण वार्डों में साप्ताहिक हाट बाजार की कमी है।
शहर में पार्किंग की कमी तो हैं, लेकिन जिन स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था है, वहां भी लोग दुकानों के सामने ही पहुंचकर अपने वाहन खड़ा कर देते हैं। दूसरी ओर जहां भी पार्किंग स्थान चयनित हैं, वहां सुरक्षा की व्यवस्थाएं नहीं होने के कारण लोग अपने आसपास ही वाहन खड़ा करके बाजार का काम पूरा करते हैं। शनिचरा जाने के लिए चारफाटक के नीचे पार्किंग निर्धारित है। गांधीगंज में दीनदयाल रसोई एवं पुस्तकालय के सामने पार्किंग तय है। इतवारी, बुधवारी एवं फव्वारा चौक के बाजार के लिए पालिका मार्केट, उत्कृष्ट विद्यालय के बगल से एवं शाम के समय एमएलबी के सामने, गल्र्स कॉलेज के गेट के पास पार्किंग निर्धारित है। इनमें से कुछ स्थानों पर वाहन खड़े करने से बचते हैं।
मुख्य बाजारों में अक्सर फुटपाथ एवं सडक़ पर हाथ ठेले एवं दूसरी दुकानें लग रही हैं। इनके लिए हॉकर्स कॉर्नर की कमी है। निगम ने जेल बगीचा फुटकर सब्जी मंडी छोडकऱ वर्तमान में और किसी दुकानों के लिए हॉकर्स कार्नर तय नहीं किए हैं। दुकानदार अपनी दुकानदारी मुख्य सडक़ों के किनारे ही खड़े करके कर रहे हैं। वर्तमान में बुधवारी बाजार, शनिचरा बाजार, परासिया नाका के पास, पेंशनर सदन के नजदीक, खजरी चौक में ही हॉकर्स कार्नर हैं, जहां से दुकानदार निश्ंिचत होकर अपनी दुकानदारी कर सकते हैं। परंतु बढ़ चुके शहर के लिए और भी हॉकर्स कार्नरों की जरूरत है। निगम ने छोटा तालाब के बगल से शेड नुमा हॉकर्स कार्नर बनाए पर उन्हें अब तक विकसित करने के लिए छोटा तालाब के मुख्य गेट के पास से अतिक्रमण नहीं हटाए।
शहर का केंद्र भले ही फव्वारा चौक माना जाता है, लेकिन दूर दराज ग्रामीण वार्डों को बाजार की जरूरत है। उनकी जरूरतों को साप्ताहिक बाजारों से पूरा किया जा सकता है। इमलीखेड़ा शुक्रवार साप्ताहिक बाजार घोषित नहीं हैं, लेकिन लोगों की जरूरतों के कारण यह बाजार लगने लगा है। एक दिन के लिए निगम की ही पक्की दुकानों के आसपास फुटपाथ में दुकानें लगती हैं। जहां लोग अपनी जरूरतों का सामान खरीदने पहुंचते हैं। यह बाजार स्वयं विकसित हुआ है, इसके लिए निगम ने कोई प्रयास नहीं किए हैं।
शहर के घनत्वीकरण को बांटने के लिए शहर के दूसरे हिस्सों को विकसित किया जा रहा है। साथ ही पार्किंग के लिए अन्य स्थानों का चयन चल रहा है। दूरस्थ हिस्सों को भी व्यावसायिक दृष्टि से दुकानों के लिए संबंधितों से चर्चाएं की जाएंगी।
विक्रम अहके, महापौर छिंदवाड़ा