- कीमतों में कमी से आमलोगों को मिली राहत
करीब डेढ़ साल पहले जिस टमाटर के एक किलो टमाटर के दाम 200 रुपए तक थे, आज उसी एक किलो टमाटर को 10 रुपए से भी कम में खरीदा जा सकता है। शुक्रवार की शाम को टमाटर के फुटकर दाम 5 रुपए प्रति किलो तक हो गए। जबकि न तो टमाटर की गुणवत्ता घटी है और न ही कहीं बाहर से टमाटर की आवक है। ऐसा ही कुछ हाल फूल गोभी एवं पत्ता गोभी का हो चुका है।
थोक सब्जी व्यापारी अजय कुशवाहा ने बताया कि ऐसा मौसम की वजह से हो रहा है। मौसम में नमी आते ही फूल गोभी अपने निर्धारित समय की तुलना में जल्दी बढ़ जाती है। ऐसे में यदि उसे तोड़ा नहीं गया तो, वह खराब होने लगता है। ऐसा ही हाल टमाटर का है। मौसम के असर के कारण टमाटर जल्दी पक रहा है, जिससे किसान उसे खराब होने के पहले मंडी लेकर पहुंच रहे हैं।
भले ही दूसरी सब्जियों के दाम काफी गिरे हैं, लेकिन लहसुन अभी अछूता ही रह गया है। माना जा रहा था कि लोकल लहसुन की आवक से लहसुन के दाम कम होंगे। परंतु पुराने लहसुन के दाम अभी भी काफी अधिक हैं। अच्छी गुणवत्ता का पुराना लहसुन अभी भी साढ़े तीन सौ रुपए प्रति किलो से अधिक है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को नए लहसुन की आवक गुरैया सब्जी मंडी में हुई थी, परंतु नमी अधिक होने के कारण व्यापारी 100 रुपए प्रति किलो मांग रहे थे। दाम से असंतुष्ट किसान लहसुन वापस ले गया। फिलहाल पुरानी एवं सूखी लहसुन की मांग बनी हुई है।
नए साल लगने के साथ ही कई सब्जियों के दाम काफी कम हुए हैं। आलू एवं प्याज 30 रुपए प्रति किलो, बैगन, मेथी, धनिया पत्ती, पालक फूलगोभी पत्ता गोभी भी 10 रुपए प्रति किलो के आसपास बिक रहे हैं। मटर के दाम भी 40 रुपए प्रति किलो हो चुके हैं।
गुरैया मंडी में जिस टमाटर के 24-25 किलो कैरेट के दाम 40 रुपए हैं, उसका परिवहन भाड़ा एवं हम्माली उससे अधिक है। डेढ़ से दो रुपए प्रति किलो के दाम किसान के हाथ में आ रहे हैं, जिसका वह मंडी तक पहुंचने तक का खर्च ही चुका दे रहा है। व्यापारियों की मानें तो कम दाम होने के कारण किसान खेतों में ही उसे नष्ट कर रहा है अथवा मंडी में भाव देखकर गोशाला की ओर रूख कर ले रहा है।