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संजू सैमसन 9वें नंबर पर भी बल्लेबाजी के लिए तैयार, गौतम गंभीर को भेजा ये कड़ा मैसेज

Sanju Samson on Gautam Gambhir: भारतीय टीम में ओपनिंग छीने जाने के बाद पहली बार संजू सैमसन ने चुप्‍पी तोड़ते हुए सीधे हेड कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्‍टर अजीत अगरकर पर निशाना साधा है। सैमसन ने कहा कि उन्हें 9वें नंबर पर भी बल्लेबाजी करने या यहां तक कि बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाजी करने में कोई आपत्ति नहीं है।

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Oct 08, 2025
भारतीय विकेटकीपर बल्‍लेबाज संजू सैमसन। (फोटो सोर्स: IANS)

Sanju Samson on Gautam Gambhir: भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी संजू सैमसन ने एशिया कप 2025 में बल्लेबाजी क्रम में बदलाव चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही स्पष्ट रूप से कहा कि वह देश के लिए कोई भी काम करने को तैयार हैं। केरल के इस विकेटकीपर-बल्लेबाज को मंगलवार को सीएट क्रिकेट रेटिंग अवार्ड्स में वर्ष का सर्वश्रेष्ठ टी20 इंटरनेशनल बल्लेबाज चुना गया। टी20 टीम में सलामी बल्लेबाज की भूमिका शुभमन गिल को सौंपे जाने के बाद सैमसन ने एशिया कप में निचले क्रम में बल्लेबाजी की। अब वह टीम इंडिया में अपनी जगह बनाए रखने के लिए खलनायक या जोकर बनने को भी तैयार हैं।

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सैमसन का गंभीर को संदेश

सीएट क्रिकेट रेटिंग अवार्ड्स में संजू ने कहा कि उन्हें 9वें नंबर पर भी बल्लेबाजी करने या यहां तक कि बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाजी करने में कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम की जर्सी पहनकर कोई भी किसी भी चीज़ के लिए मना नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने भारतीय ड्रेसिंग रूम में जगह बनाने के लिए बहुत मेहनत की है।

निचले क्रम भी किया अच्‍छा प्रदर्शन

बता दें कि ऐसे स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए कहे जाने के बावजूद जहां उन्हें पहले कोई अनुभव नहीं था। संजू ने एशिया कप 2025 में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ सुपर फोर मुकाबले में 39 रन और पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में 24 रनों की अहम पारी खेली। सैमसन ने स्वीकार किया कि उन्‍हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक दशक हो गया है, लेकिन विडम्‍बना है कि वह अब तक कुछ मैच ही खेल सके हैं।

10 साल के अंतरराष्‍ट्रीय करियर में सिर्फ 40 मैच खेले

संजू ने कहा कि मैंने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 साल पूरे किए हैं, लेकिन मैंने सिर्फ 40 मैच ही खेले हैं। सच कहूं तो मैंने एक पोस्ट में लिखा था कि आंकड़े पूरी कहानी नहीं करते, लेकिन मुझे आज जो मैं हूं उस पर सचमुच गर्व है और मुझे उन चुनौतियों पर भी गर्व है, जिनसे मैं गुजरा हूं। बाहरी शोर पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, मैंने अंदरूनी शोर पर ध्यान केंद्रित करने की आदत डाल ली है।

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