देवरिया में पराली जलाने को लेकर प्रशासन गंभीर रुख अख्तियार किया है। सर्दी के मौसम में पराली जलाने से वातावरण की शुद्धता भी गिरने लगती है। DM देवरिया दिव्या मित्तल ने इस मामले में कड़ा निर्देश जारी किया है।
देवरिया की डीएम दिव्या मित्तल ने सभी किसानों से अपील की है कि वे फसल कटाई के बाद खेतों में बचे हुए फसल पराली को जलाने से बचें। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से खेत की उर्वरकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इससे निकलने वाला धुआं न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि मानव और पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बनता है।
डीएम ने बताया कि पराली जलाने पर शासन द्वारा निर्धारित अर्थदंड का प्रावधान है। यदि किसी किसान की कृषि भूमि का क्षेत्रफल 2 एकड़ से कम है तो उस पर 2500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं, 2 से 5 एकड़ के बीच भूमि होने पर जुर्माना 5000 रुपए और 5 एकड़ से अधिक भूमि पर 15000 रुपए तक पहुंच सकता है।डीएम मित्तल ने यह भी बताया कि पराली प्रबंधन को प्रोत्साहित करने के लिए जिले में 7 एग्रीगेटर एफपीओ नामित की गई हैं। इनसे किसान अपने पराली को बेचकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
जिलाधिकारी ने आगे बताया कि खेतों की निगरानी के लिए सैटेलाइट तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। यदि किसी किसान को पराली जलाते हुए देखा गया, तो कृषि और राजस्व विभाग की टीम द्वारा जांच की जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो लगातार निरीक्षण करेंगी।