Artificial Intelligence for Alzheimer’s : अल्जाइमर रोग की पहचान में समय की देरी को खत्म करने के लिए अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक नई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित तकनीक विकसित की है।
Artificial Intelligence for Alzheimer’s : वैज्ञानिकों ने अल्जाइमर (Alzheimer) जैसी गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी की प्रारंभिक पहचान के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित उपकरण विकसित किया है। यह उपकरण सूक्ष्म व्यवहारिक संकेतों का विश्लेषण कर बीमारी की शुरुआती अवस्था में ही पहचान कर सकता है। कैलिफोर्निया स्थित ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट्स के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित इस तकनीक ने बीमारी की जांच में क्रांतिकारी बदलाव लाने की उम्मीद जगाई है।
शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर के लक्षणों का अध्ययन करने के लिए चूहों को विशेष रूप से तैयार किया। इसके बाद "वेरिएशनल एनिमल मोशन एम्बेडिंग" नामक मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म के जरिए उनके दैनिक गतिविधियों का विश्लेषण किया गया।
इस प्रक्रिया में चूहों के खुले क्षेत्र में घूमने के दौरान उनके सूक्ष्म व्यवहार पैटर्न जैसे अव्यवस्थित हरकतें, असामान्य गतिशीलता, और उम्र बढ़ने के साथ बदलते व्यवहार का अध्ययन किया गया।
कैमरे की मदद से रिकॉर्ड किए गए वीडियो फुटेज के माध्यम से चूहों में अल्जाइमर के संभावित लक्षणों की पहचान की गई। इन लक्षणों में स्मृति और ध्यान की कमी से जुड़े व्यवहारों पर ध्यान केंद्रित किया गया। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तकनीक इंसानों में भी अल्जाइमर की पहचान के लिए कारगर साबित हो सकती है।
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विस्तारित उपयोग की संभावनाएं
ग्लैडस्टोन के वरिष्ठ अन्वेषक जॉर्ज पालोप के अनुसार, यह एआई उपकरण केवल अल्जाइमर तक ही सीमित नहीं है। इसे अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की पहचान और उनके विकास को समझने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तकनीक मस्तिष्क विकारों के इलाज के नए तरीके खोजने में मददगार हो सकती है।
संभावित इलाज के लिए भी उपयोगी
फाइब्रिन को अवरुद्ध कर रोका जा सकता है अल्जाइमर का विकास
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क में सूजन बढ़ाने वाले प्रोटीन फाइब्रिन को आनुवंशिक रूप से अवरुद्ध करने से चूहों में अल्जाइमर के लक्षणों को रोका जा सकता है। यह खोज न केवल बीमारी की पहचान, बल्कि संभावित इलाज के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
याददाश्त और सोचने की क्षमता पर पड़ता है असर
अल्जाइमर एक प्रगतिशील बीमारी है, जिसमें धीरे-धीरे मरीज की याददाश्त कमजोर होने लगती है। समय पर पहचान और सही इलाज से इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। एआई आधारित यह नया उपकरण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई एआई तकनीक ने अल्जाइमर जैसी जटिल बीमारी के शुरुआती लक्षणों को समझने और पहचानने में नई उम्मीदें जगाई हैं। शोधकर्ताओं का यह प्रयास न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता साबित हो सकता है।