राजस्थान पत्रिका परिचर्चा: राजस्थान के बजट से प्रवासियों को कई उम्मीदें, बजट पूर्व दिए सुझाव
राजस्थान के आगामी बजट 2025-26 से प्रवासियों को कई उम्मीदें हैं। राजस्थान का आगामी बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा। इसके चलते विभिन्न वर्गों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं। राजस्थान के बजट से पूर्व प्रवासियों ने अपने सुझाव दिए। बता दें कि भजनलाल सरकार ने पिछली बार भी अंतरिम राज्य बजट एवं परिवर्तित राज्य बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी। नए वित्त वर्ष के बजट में प्रवासियों के मिले सुझावों को बजट में शामिल कराने का प्रयास किया जाएगा। पिछले दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा था कि राजस्थान की 8 करोड़ जनता की आशा और आकांक्षाओं पर खरा उतरते हुए पिछले एक साल में राज्य सरकार ने प्रदेश में बिजली-पानी की प्राथमिकता को समझते हुए अनेक फैसले लिए हैं। ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, देवास परियोजना सहित विभिन्न परियोजनाओं से जहां राज्य में जल की आपूर्ति बढ़ी हैं. वहीं किसानों को 2027 तक दिन में बिजली देने के लक्ष्य को लेकर राइजिंग राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा एमओयू किए गए हैं। राजस्थान सरकार प्रदेश को विकसित राजस्थान बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमारी सरकार युवाओं को रोजगार देने, भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार करने और कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। हम घोषणा करने में ही नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारने में यकीन रखते हैं। हमने हमारे संकल्प पत्र में युवाओं को 4 लाख सरकारी तथा 6 लाख निजी क्षेत्र सहित कुल 10 लाख नौकरियां देने का संकल्प किया था। अब तक हमने 59 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी हैं और 15 हजार नियुक्तियां प्रक्रियाधीन हैं। लगभग 81 हजार पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किए हैं। प्रस्तुत हैं प्रवासियों के विचार एवं उनके सुझाव:
इण्डस्ट्री पर अधिक फोकस करने की जरूरत
बालोतरा जिले के मोकलसर निवासी रमेश बाफना ने कहा, राजस्थान सरकार को इण्डस्ट्री पर अधिक फोकस रखना चाहिए। नई इण्डस्ट्री आने से जहां युवाओं को रोजगार मिलेगा वहीं राजस्थान विकसित प्रदेश की श्रेणी में आगे बढ़ सकेगा। राइजिंग राजस्थान में जिस तरह से एमओयू हुए हैं, उन्हें अब धरातल पर जगह मिलनी चाहिए। सरकार को एकल खिड़की के माध्यम से उद्योगों को प्रोत्साहित करने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। बजट में नए औद्योगिक स्थल की घोषणा की जानी चाहिए। कृषि क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सकता है। राजस्थान मूल के जो लोग अन्य प्रदेशों में बिजनेस कर रहे हैं, उनके साथ समन्वय स्थापित करते हुए राजस्थान में उद्योगों का जाल बिछाया जा सकता है। उद्योगों के लिए बिजली-पानी-सड़क सरीखी मूलभूत सुविधाएं विकसित कर प्रवासियों को राजस्थान में उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। बजट में शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर भी खास ध्यान देने की दरकार है।
पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले
बाड़मेर जिले के रामजी का गोल निवासी नैनाराम विश्नोई ने कहा, बजट में पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। नर्मदा के पानी से जो गांव-क्षेत्र वंचित रह गए हैं, बजट में उन स्थानों को जोडऩे की घोषणा की जानी चाहिए। बाड़मेर जिले के कई गांव अब भी नर्मदा के नीर की पहुंच से बाहर है। ऐसे गावों में पेयजल उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता में होना चाहिए। इसके साथ ही बाड़मेर एवं बालोतरा क्षेत्र में कई पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक स्थल हैं, उन्हें विकसित करने की दिशा में काम करने की जरूरत है। नाकोड़ा तीर्थ स्थल को विश्व स्तर पर विकसित किया जा सकता है।
परिवहन सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत
बालोतरा जिले के गोलिया चौधरियान निवासी किशोर पटेल ने कहा, राजस्थान सरकार को परिवहन सुविधाओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए। आज भी प्रदेश के कई गांव रोजवेज की सुविधा से वंचित है। ऐसे में सुदूर ग्रामीण इलाकों तक रोजवेज बसों की व्यवस्था की जानी चाहिए। ग्रामीण इलाकों को जिला मुख्यालयों से जोडऩे की जरूरत है। इसके साथ ही भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने एवं नई भर्ती की दिशा में बजट में घोषणा की जानी चाहिए।
गांवों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ें
बालोतरा जिले के मोकलसर निवासी महेन्द्र कवाड़ ने कहा, राजस्थान सरकार को गांवों के विकास पर फोकस करना चाहिए। गांवों में मूलभूत सुविधाओं पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। आज भी कई गावों तक पहुंचने के लिए सड़कों का अभाव बना हुआ है। पेयजल व बिजली की समुचित सुविधाएं मुहैया करवानी चाहिए।
लघु उद्योगों को बढ़ावा मिले
बालोतरा जिले के सिवाना निवासी लूणचन्द कांकरिया ने कहा, राजस्थान में लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। लघु उद्योगोंं केे जरिए बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा सकता है। इससे प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था मजबूत हो सकेगी।
शिक्षा व चिकित्सा की बेहतर व्यवस्था हो
राजस्थान के अजीत निवासी पारसमल चौहान ने कहा, सरकार गावों में अधिक ध्यान दें। गांवों में चिकित्सा एवं शिक्षा की बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए। बालिकाओं के लिए हर गांव में अलग स्कूल का प्रावधान होना चाहिए।