Lata Mangeshkar birthday: मध्यप्रदेश की गलियों में खिलखिलाने वाली नन्ही लता सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अपनी आवाज का जादू बिखेर स्वर कोकिला के नाम से मशहूर हो गई। 50 हजार से ज्यादा गानों को अपनी आवाज देने वाली स्वर कोकिला के जन्मदिन पर जानें उनसे जुड़े कुछ रोचक किस्से...
Lata Mangeshkar birthday: मध्यप्रदेश की गलियों में खिलखिलाने वाली नन्ही लता भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अपनी आवाज का जादू बिखेरकर स्वर कोकिला के नाम से मशहूर हो गईं। लाखो-करोड़ों संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाली लता मंगेशकर देश के सर्वोच्च सम्मानों, भारत रत्न, पद्म विभूषण से नवाजी जा चुकी हैं। भले ही आज लता हमारे बीच मौजूद नहीं हैं लेकिन, उनकी मखमली आवाज आज भी कानों को सुकून और मन को ताजगी से भर देती है। मध्यप्रदेश समेत में देशभर मे आज लता मंगेशकर का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोग उनसे जुड़े किस्से और कहानियां कह सुन रहे हैं, उन्हीं के गीतों से आज एमपी के हर शहर की शाम सजेगी…इस अवसर पर हम आपको बता रहे हैं, लता मंगेशकर से जुड़े कुछ किस्से, जो उनके बचपन की कहानी सुनाते हैं…
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 में मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में हुआ था। इंदौर ही वो जगह है जहां से उन्होंने अपने संगीत के सफर की शुरुआत की थी। 50 हजार से ज्यादा गाने को अपनी आवाज देने वाली स्वर कोकिला के जन्मदिन पर उनसे जुड़े कुछ किस्सों के बारे में जानते है।
लता मंगेशकर को गायकी विरासत में मिली थी क्योंकि उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर एक मशहूर संगीतकार था। अपने कई इंटरव्यूज में उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया है। उनका मानना था कि उनकी वजह से ही वो आज एक लोकप्रिय गायिका बन पाई है।
लता मंगेशकर अपने चारों भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। वो अक्सर रसोई में काम करते वक्त अपनी मां की मदद किया करती थीं। इस दौरान लता की गुनगुनाने की आदत थी। उनकी मां अक्सर डांट दिया करती थी क्योंकि लता की वजह से वहां बैठी कई महिलाओं का ध्यान काम को छोड़कर उनके गानों पर चला जाता था। जिससे काम में देरी हो जाया करती थी।
लता मंगेशकर को उनकी आवाज ने दुनियाभर में पहचान दिलाई। शायद बहुत कम लोग ही जानते है कि लता मंगेशकर फिल्मों में एक्टिंग भी कर चुकी है। पिता की मौत के बाद लता अपनी बहन मीना संग मुंबई आकर मास्टर विनायक के लिए काम करने लगी थी। महज 13 साल की उम्र में उन्होंने 1942 में आई फिल्म 'पहिली मंगलगौर' में अभिनय किया था। इसके आलावा भी कई फिल्मों में लता को छोटे किरदारों का रोल करने का मौका मिला था। लेकिन संगीत में जो मजा था वो अभिनय में उन्हें नहीं आया।
शुरुआत में लता मंगेशकर को उनकी पतली आवाज के कारण फिल्मों में गाने का मौका नहीं मिला। दरअसल संगीतकार गुलाम हैदर को लता की गायकी बहुत पसंद आई तो उन्होंने एक बड़े फिल्म निर्माता शशधर मुखर्जी से उन्हें मिलवाया। शशधर ने लता की पतली आवाज के चलते उन्हें अपनी फिल्म में गाने का मौका नहीं दिया।
गुलाम हैदर ने 18 साल की लता पर भरोसा दिखाते हुए फिल्म 'मजबूर' और 'अंग्रेजी छोरा चला गया' में मुकेश कुमार संग गाने का मौका दिया। ये लता के लिए बड़ा ब्रेक था। इसके बाद उन्हें काम मिलना शुरू हो गया जो उनके अंत समय तक नहीं रुका।
पूरी दुनिया में अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाली लता मंगेशकर ने साल 2022 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। मिनी मुंबई नाम से मशहूर इंदौर में जन्मी लता ने 6 फरवरी को मुंबई के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली।