Mukesh Murder Case: एसआईटी ने प्रारंभिक जांच के बाद पांच पेज का प्रेस नोट जारी किया है। तीन घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद दिनेश ने मुकेश हत्याकांड पर सच उगला।
Mukesh Murder Case: पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में एसआईटी ने गुरुवार को पांच पेज का एक विस्तृत प्रेस नोट जारी करते हुए जांच से जुड़े अहम खुलासे किए हैं। एसआईटी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सबसे पहले दिनेश चंद्राकर ने हत्या की बात कबूली थी। दरअसल दिनेश हत्या के बाद बीमारी का बहाना बनाकर बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती हो गया था। जब पुलिस मुकेश को तलाश रही थी तो वह संदेह के आधार पर दिनेश के पास पहुंची।
वह अस्पताल में भर्ती था तो डॉक्टर से इजाजत लेकर दिनेश से तीन घंटे तक कड़ी पूछताछ की गई। इसमें दिनेश ने बताया कि किस तरह से 1 जनवरी को रात 8.30 से 10 बजे के बीच मुकेश को सुरेश चंद्राकर के बाड़े में मारा गया। उसने यह भी बताया कि बाड़े में मौजूद 17 कमरों में से कमरा नंबर 11 में वारदात को अंजाम दिया गया। इसके बाद उसी कमरे में बैठकर आरोपियों ने शव को ठिकाने लगाने की साजिश रची फिर शव को सेप्टिक टैंक में डालकर ऊपर से ढलाई कर दी।
दिनेश के कबूलनामे के तत्काल बाद ही महेंद्र रामटेके को बीजापुर के बस स्टैण्ड से गिरफ्तार किया। इस वक्त तक सुरेश और रितेश फरार थे। इसके बाद रितेश को रायपुर से गिरफ्तार किया गया। एसआईटी के मुताबिक वह आरोपियों से दो बार हत्या का सीन रिक्रिएट करवा चुकी है। अन्य तथ्यों को भी जुटाया जा रहा है। इस महीने के अंत तक चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी जाएगी। मामले में 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है।
दरअसल इस पूरे मामले से मुय साजिशकर्ता सुरेश चंद्राकर खुद को अलग दिखाने की कोशिश कर रहा था। (chhattisgarh news) जब पुलिस की टीम मुकेश की तलाश में उसके बाड़े में पहुंची तो सुरेश ने फोन पर बात करते हुए कहा कि वह अभी भैरमगढ़ में है।
पुलिस ने उसे हिदायत देते हुए कहा कि तत्काल मौके पर आओ। इसके बाद वह मौके पर आया और उसने सभी 17 कमरो को खोलकर दिखाया तो वहां कुछ नहीं मिला। सेप्टिक टैंक के बारे में पूछे जाने पर कहा कि बाथरूम का रिनोवेशन हुआ है इसलिए ढलाई की गई है।
Mukesh Murder Case: आरोपियों ने बताया उन्होंने मुकेश का मोबाइल नेलसनार नदी में तोड़कर बहा दिया। हालांकि एसआईटी का कहना है कि हम लगातार गोताखारों की मदद से मोबाइल की तलाश कर रहे हैं। वहीं आरोपियों ने भी अपने मोबाइल के डाटा डिलीट कर दिए।
पुलिस ने जब रितेश के बारे में पूछताछ की तो उसने कहा कि रितेश से उसकी दो साल से बातचीत बंद है। जबकि रितेश, दिनेश और महेंद्र रामटेके ने साथ मिलकर हत्या से 4 से 5 दिन पहले पूरी प्लानिंग की थी। इससे स्पष्ट था कि सुरेश शुरुआत से पुलिस से झूठ बोल रहा है। इसके बाद ही सुरेश हैदराबाद की ओर भागा था। उसने घटना से चार दिन पहले बैंक से बड़ी रकम भी निकाली थी।