Diwali Festivals : ज्योर्तिविद पं.पुरुषोत्तम गौड़ के मुताबिक शास्त्रानुसार धनतेरस को धन वर्षा का दिन माना जाता है। लगातार तीसरी बार इस वर्ष दीपोत्सव पांच के बजाय छह दिन का होगा।
जयपुर. दीपोत्सव के स्वागत के लिए छोटीकाशी सज धज कर तैयार है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर मंगलवार को विभिन्न योग—संयोगों में धनतेरस के साथ दीपोत्सव की शुरुआत होगी। अलग-अलग थीम पर की गई विशेष रोशनी शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाएगी। इलेक्ट्रॉनिक्स, बर्तन, ऑटोमोबाइल, सराफा और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की खरीदी सबसे ज्यादा होगी। लोग शादियों के लिए खरीदारी करेंगे। मंदिरों में विशेष झांकियां सजाई जाएगी। आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना होगी। इस दिन अबूझ मूहूर्त होने से बाजार में व्यापारियों को बंपर कारोबार की उम्मीद है।
ज्योर्तिविद पं.पुरुषोत्तम गौड़ के मुताबिक शास्त्रानुसार धनतेरस को धन वर्षा का दिन माना जाता है। लगातार तीसरी बार इस वर्ष दीपोत्सव पांच के बजाय छह दिन का होगा। वर्ष 2023 में दो दिन अमावस्या की तिथि रहने तथा वर्ष 2022 में दिवाली के दूसरे सूर्य ग्रहण के चलते एक दिन बाद गोवर्धन पूजा मनाई गई थी। इस वर्ष अमावस्या की तिथि दो दिन होने से पर्व का उल्लास छह दिनों तक रहेगा।
100 से अधिक साल बाद महासंयोग
ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक मंगलवार को बुध ग्रह वृश्चिक राशि में प्रवेश कर शुक्र ग्रह के साथ मिलकर लक्ष्मी नारायण राजयोग बनाएगा। इस दिन त्रिग्रही, त्रिपुष्कर, इंद्र और वैधृति योग के साथ ही उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का भी संयोग बनेगा। धनतेरस पर यह महासंयोग 100 से अधिक साल बाद बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार इस योग में कुबेर का पूजन शुभ फलदायी माना जाता है।