जयपुर. शहर में पानी की टंकी या फिर मोबाइल टावर पर चढऩे की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे न केवल सुरक्षा की दृष्टि से खतरे उत्पन्न हो रहे हैं, बल्कि सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान हो रहा है।
जयपुर. शहर में पानी की टंकी या फिर मोबाइल टावर पर चढऩे की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे न केवल सुरक्षा की दृष्टि से खतरे उत्पन्न हो रहे हैं, बल्कि सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान हो रहा है। बढ़ते मामले को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। अब, टंकी पर चढऩे वालों से घटनास्थल पर तैनात पुलिस बल का खर्चा वसूला जाएगा।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पानी की टंकी पर चढ़ता है, तो उसे उतारने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल लगाया जाता है, जिसके कारण पुलिस प्रशासन का समय और संसाधन खर्च होता है। अब, पुलिस प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि ऐसे मामलों में दोषी व्यक्ति से लागत वसूली जाएगी। पुलिस प्रशासन ने उन घटनाओं का आकलन करना शुरू कर दिया है, जिनमें पुलिसकर्मियों की तैनाती होती है। इसके बाद, संबंधित व्यक्तियों को नोटिस भेजा जाएगा।पीएचईडी की ओर से दर्ज कराया मामला
उधर, गोपालपुरा हिम्मत नगर इलाके में एसआइ भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर हाल ही पानी की टंकी पर चढ़े युवकों के खिलाफ पीएचईडी की एईएन सपना ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज कराया है।इस सख्ती का उद्देश्य यह है कि लोग पानी की टंकी या टावर पर चढऩे से पहले सोचें, क्योंकि ऐसे कार्य न केवल जानमाल के खतरे को बढ़ाते हैं, बल्कि सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाते हैं। कार्रवाई के दौरान जितना पुलिस जाप्ता लगता है, उसके खर्च की कैलकुलेशन करके नोटिस भेजा जाएगा और लागत वसूल की जाएगी।
- बीजू जॉर्ज जोसफ, पुलिस कमिश्नर