Bhajan Lal Cabinet Reshuffle: राजस्थान में उपचुनाव से पहले भजनलाल मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अच्छा काम करने वाले मंत्रियों को प्रमोशन मिल सकता है। वहीं, कुछ नए चेहरों को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में कई बड़े बदलाव होने की संभावना है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले भजनलाल मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल हो जाएगा। हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान सीएम भजनलाल शर्मा ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से इस मुद्दे पर चर्चा की थी। इसके बाद से ही सियासी गलियारों में राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चा तेज हो गई है।
सीएम भजनलाल शर्मा ने 3 अक्टूबर को नई दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी और सीआर पाटिल से मुलाकात की थी। इस चर्चा के बाद से ही माना जा रहा है कि इसी महीने में भजनलाल मंत्रिमंडल विस्तार कर दिया जाएगा। ऐसे में कई विधायकों को भजनलाल मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। वहीं, कई मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते है।
नियमानुसार कुल विधायकों में से 15 प्रतिशत सदस्य ही मंत्री बन सकते हैं। राजस्थान विधानसभा में 200 सदस्य हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री सहित कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित 24 मंत्री बने हुए हैं। ऐसे में मंत्रियों के छह पद अभी रिक्त हैं। इसके अलावा अभी किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे पर भी निर्णय नहीं लिया जा सका है।
अपने विधानसभा क्षेत्रों में अच्छा कार्य करने वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। वहीं, क्षेत्र और जातिगत समीकरण भी साधे जाएंगे, जिससे 7 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी को फायदा मिल सके। हालांकि, पूर्वी राजस्थान, शेखावाटी और वागड़ से नए विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना ज्यादा है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि विधायक गुरवीर सिंह, जयदीप बिहानी, श्रीचंद कृपलानी, पुष्पेंद्र सिंह, आदूराम मेघवाल, हंसराज मीणा, रामविलास मीणा और गोवर्धन वर्मा में से 6 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान अच्छा कार्य करने वाले मंत्रियों को प्रमोशन मिल सकता है। वहीं, जिन विभागों में संतोषजनक कार्य नहीं हुए है। उन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है। किरोड़ीलाल के मंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म है। करीब चार महीने बाद भी किरोड़ी के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। ऐसे में चर्चा है कि उनका विभाग बदला सकता है। इसके अलावा अपने बयान व विवादित आदेश के कारण सुर्खियों में रहने वाले मदन दिलावर के विभाग में भी बदलाव की अटकलें है।