जयपुर

जयपुर के SMS स्टेडियम में अब मॉर्निंग वॉक नहीं कर सकेंगे लोग, सामने आई ये बड़ी वजह

Jaipur Sawai Mansingh Stadium: सवाई मानसिंह स्टेडियम अचानक चर्चा में आ गया जब इस वॉक-वे पर आमजन को रोकना शुरू होने लगा।

2 min read
Dec 08, 2024

जयपुर। आमजन की सेहत को लेकर पीएम से लेकर सीएम तक आए दिन चिन्ता व्यक्त करते रहते हैं। सेहतमंद रहने में अहम भूमिका निभाती है वॉकिंग। चिकित्सक भी अच्छी सेहत के लिए पैदल चालन (वॉकिंग) को तवज्जो देते हैं। इसे देखते हुए वॉक-वे का निर्माण किया जाता है। ऐसा ही वॉक-वे जो सवाई मानसिंह स्टेडियम में बना अचानक चर्चा में आ गया जब इस वॉक-वे पर आमजन को रोकना शुरू होने लगा और इसका शुल्क 300 रुपए से 3600 करने की बात उठी। हालांकि यह प्रस्ताव अमल में नहीं आया और इसका अभी प्रति माह शुल्क पुराना ही है। परन्तु अब यहां बिना स्पोर्ट्स काउंसिल की अनुमति से कोई भी वॉक नहीं कर पाएगा। अब सवाल यह है कि क्या इस वॉक-वे पर शुल्क लगाया जाना सही है या गलत। यह एक विचारणीय बिन्दु है।

सख्ती शुरू... सिर्फ कार्डधारकों को प्रवेश

एकअधिकारी के अनुसार स्टेडियम की सुरक्षा और संदिग्ध लोगों की आवाजाही रोकने के लिए शुल्क तय किया जा रहा है। अभी सिर्फ कार्डधारियों को प्रवेश दिया जा रहा है या उन्हें जिनका कार्ड बनने की प्रक्रिया में है। हाल ही स्पोर्ट्स काउंसिल चेयरमैन ने सुबह साढ़े पांच बजे आकस्मिक निरीक्षण करने वॉक पर आए लोगों से कार्ड की पूछताछ की।

अब अगर बात सुरक्षा की है तो यह नियम सभी पर लागू होना चाहिए। वॉकर्स के अलावा दिनभर यहां स्थित आरसीए एकेडमी और स्पोर्ट्स काउंसिल कार्यालय में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। क्या सभी के नाम-पते दर्ज किए जाते हैं। क्या सुरक्षा सिर्फ मॉर्निंग वॉकर्स से ही खतरे में पड़ रही है।

सफाई का ठेका खत्म, जगह-जगह कबाड़

स्टेडियम में सफाई करने वाली फर्म का ठेका खत्म हो गया है। हाल ही स्टेडियम के कई मैदानों और ट्रैक की सफाई खिलाड़ियों से कराई गई। सफाई के दौरान एक बच्चे के हाथ में चोट भी लगी। इससे उसकी कोचिंग भी प्रभावित होगी। अगर सफाई के दौरान कोई जहरीला जीव बच्चों को काट लेता तो क्या होता।

यह बात काउंसिल पदाधिकारियों को सोचनी चाहिए। सफाई के अलावा स्टेडियम के बास्केटबॉल कोर्ट के बाहर बरसों पुराना कबाड़ पेड़ों के नीचे पड़ा है। यहां स्पोर्ट्स इक्यूपमेंट पड़े-पड़े जंग खा गए लेकिन काउंसिल अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। इसके अलावा इंडोर स्टेडियम स्थित वॉश रूम के बाहर भी खेल का सामान कबाड़ हो गया। इस पर किसी का ध्यान नहीं है। जगह-जगह कटे पेड़ और पत्थर, चूना और कचरा फैला है। इन सब बातों कौन ध्यान देगा।

कोई बात नहीं सुनी...

मैं स्टूडेंट हूं और नियमित एसएमएस में वॉकिंग करता हूं। शुक्रवार सवेरे घूमने गया तो मुझे अंदर जाने से रोक दिया और कार्ड मांगा। मैं भी मानता हूं कि स्टेडियम आम जगह नहीं है पर हमारा आधार कार्ड देख लो, नाम-पता नोट कर लो पर वॉकिंग तो करने दो। हमारी कोई बात नहीं सुनी गई और बिना वॉकिंग के ही रवाना कर दिया। हर कोई शुल्क दे सके यह तो संभव नहीं है।
- हीरालाल, लालकोठी।

अनावश्यक लोग न आए...

स्टेडियम के वॉक-वे पर खिलाड़ी वार्म-अप और रनिंग करते हैं इसका निर्माण इसी उद्देश्य से किया गया। कार्ड सिस्टम पहले भी लागू था। इस सिस्टम को पुन: लागू करने का मुख्य मकसद यह है कि यहां अनावश्यक लोग न आएं और यहां का वातावरण खराब न करें। कार्ड की नॉमिनल फीस है, इसे कोई भी बनवाकर वॉकिंग कर सकता है।
-करण सिंह, खेल अधिकारी (पुनर्नियुक्त), जयपुर सेंटर

Published on:
08 Dec 2024 11:44 am
Also Read
View All

अगली खबर