जैसलमेर

14 ग्रामीणों को पुलिस ने पकड़ा, शिव विधायक धरने पर बैठे

जैसलमेर जिले के झिनझिनियाली थाना क्षेत्र में एक निजी कम्पनी को काम करने से रोकने पर ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पुलिस कार्रवाई के विरोध में शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी झिनझिनियाली थाने के बाहर धरने पर बैठ गए।

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Nov 06, 2024

जैसलमेर जिले के झिनझिनियाली थाना क्षेत्र में एक निजी कम्पनी को काम करने से रोकने पर ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पुलिस कार्रवाई के विरोध में शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी झिनझिनियाली थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। रविंद्रसिंह शाम के समय झिनझिनियाली थाना पहुंचे और ग्रामीणों से मामले की जानकारी ली। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया और कहा कि पुलिस लोकसेवक है, कम्पनी सेवक नहीं होती। भाटी ने चुनौती दी कि अभी यहां 500-600 लोग बैठे हैं, कल सुबह तक 10 हजार लोग होंगे। पुलिस उन्हें भी गिरफ्तार कर लें। गाले की बस्ती क्षेत्र में खसरा नं. 550 और 551 कम्पनी की खरीदसुदा जमीन बताई जाती है, जहां कम्पनी ने बुधवार को काम शुरू करवाना चाहा तो वहां पहुंचे बईया और अन्य गांवों के ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और कहा कि वे इसे ओरण क्षेत्र घोषित करवाएंगे और जब तक ऐसा नहीं किया जाता, काम शुरू नहीं करवाया जाए। जानकारी के अनुसार दूसरी ओर कम्पनी के प्रतिनिधियों ने उनसे कहा कि दो खसरे उनकी खरीदी हुई जमीन है, उसके अलावा वे कहीं और काम नहीं करवाएंगे। पुलिस के अनुसार ग्रामीणों ने जब कम्पनी को काम नहीं करने दिया तो झिनझिनियाली पुलिस ने 14 जनों को थाने ले जाकर डिटेन किया। इस वाकये की जानकारी मिलने के बाद शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी वहां पहुंचे हैं। झिनझिनियाली थाना से उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई है।

रविन्द्र ने कहा- अन्याय के साथ धरोहरों पर हमला

शिव के विधायक रवींद्र सिंह भाटी के सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई और कहा कि वर्षों से हमारे पूर्वजों ने जिन मंदिरों और ओरण में पाए जाने वाले दुर्लभ वृक्षों की रक्षा की और इसके लिए अपने प्राणों का बलिदान भी दिया, आज उसी भूमि पर जबरन पेड़ों की कटाई और निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। यह न केवल अन्याय है बल्कि हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि ओरण और पवित्र भूमि की रक्षा के लिए आवाज उठाना हर ग्रामीण का हक है, और उनके साथ इस तरह के दमनकारी कदम अत्यंत निंदनीय हैं।

Published on:
06 Nov 2024 10:50 pm
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