जैसलमेर

शुरू करवाया राहत कार्य: जगे जिम्मेदार, सुरक्षा के लिए बेरिकेडिंग का कार्य शुरू

जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग के शिव मार्ग क्षेत्र में बुर्ज संख्या 15 से सटी क्षतिग्रस्त दीवार से बड़े आकार के पत्थरों के गिरने के मामले में आमजन की सुरक्षा और यथासंभव यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तरफ से बुधवार से काम शुरू करवाया गया है।

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Dec 04, 2024
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जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग के शिव मार्ग क्षेत्र में बुर्ज संख्या 15 से सटी क्षतिग्रस्त दीवार से बड़े आकार के पत्थरों के गिरने के मामले में आमजन की सुरक्षा और यथासंभव यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तरफ से बुधवार से काम शुरू करवाया गया है। पहले चरण में बेरिकेडिंग करवाई जा रही है और इसके अलावा आगामी दिनों में अगर फिर से पत्थर गिरने की घटना होती है तो उसे रोकने के लिए उसके नीचे लोहे के एंगल पर जाली लगा कर उसे रोकने का बंदोबस्त किया जा रहा है। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका में इस अहम मसले पर लगातार खबरें प्रकाशित किए जाने के बाद हरकत में आए एएसआई ने इस इलाके की सुध ली है। विभागीय टीम ने बुधवार को मौका स्थल पर पहुंच कर स्थितियों का जायजा लिया। टीम में एएसआइ जैसलमेर के इंचार्ज महेंद्र प्रताप सिंह, स्थानीय अधिकारी गोविंदसिंह रावलोत व देवेश सिंघल शामिल थे। विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए स्थायी बंदोबस्त होने तक पुख्ता बेरिकेडिंग करवाने और उसे वर्तमान से कम जगह तक फैला कर रखने का निर्णय लिया है। ऐसे में यहां आने वाले एक-रोज में शिव मार्ग के इस हिस्से पर पहले की भांति ज्यादा संख्या में वाहनों की आवाजाही हो सकेगी। गौरतलब है कि सोनार दुर्ग के बुर्ज संख्या- 15 से सटी दीवार के पत्थर गत मानसून काल में 6 अगस्त को भारी बारिश की मार के बाद भरभरा कर गिर गए थे। ऐसे में क्षेत्र में दहशत का वातावरण बन गया था। तब इस मार्ग पर बेरिकेडिंग लगाई गई और एएसआई समय पर काम करवाने में विफल रहा। इसका नतीजा यह निकला कि गत 26 नवम्बर को एक बार फिर क्षतिग्रस्त दीवार से 4 बड़े आकार के पत्थर छिटक कर कर नीचे सडक़ पर आ गए। गनीमत यह रही कि दोनों बार किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।


हकीकत: भय और असुविधा

दुर्ग के प्राचीन बुर्ज से सटी दीवार के इस तरह से क्षतिग्रसत होने की वजह से उसके नीचे शिव मार्ग वाले हिस्से में यातायात व्यवस्था पिछले करीब चार महीनों से प्रभावित हो रखी है। यहां दिनभर जाम लगने के हालात बने रहते हैं। इसके अलावा आसपास रहने वाले लोगों के साथ स्थानीय दुकानदारों में भय का माहौल भी बना हुआ है। स्थानीय दुकानदार चन्द्रशेखर थानवी ने बताया कि जिम्मेदारों ने इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में पिछले दिनों जब फिर से पत्थर गिरे तब उन्हें संभवत: स्थिति की नजाकत का अहसास हुआ है। थानवी ने बताया कि इस खतरे का स्थायी समाधान करवाने के लिए इलाके के रहवासी व दुकानदार लगातार गुहार लगा रहे हैं। गत दिनों फिर पत्थर गिरने से सभी लोग सहमे हुए हैं। यहां दिनभर हमारी और बच्चों की भी आवाजाही रहती है। हम लोग कभी हादसे का शिकार हो सकते हैं।

Published on:
04 Dec 2024 11:24 pm
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