अकलेरा. इन दिनों सघन वन क्षेत्र में पाए जाने वाले मौसमी फल सीताफल की बहार देखने को मिल रही है। राजस्थान से सटे मध्यप्रदेश के राजगढ जिले के घने जंगलों से सीताफल को तोड़कर कई ग्रामीण इन दिनों रोजगार का साधन जुटा रहे हैं। अकलेरा, मनोहरथाना समेत जिला मुख्यालय तक बेचा जा रहा है। नगर […]
अकलेरा. इन दिनों सघन वन क्षेत्र में पाए जाने वाले मौसमी फल सीताफल की बहार देखने को मिल रही है। राजस्थान से सटे मध्यप्रदेश के राजगढ जिले के घने जंगलों से सीताफल को तोड़कर कई ग्रामीण इन दिनों रोजगार का साधन जुटा रहे हैं। अकलेरा, मनोहरथाना समेत जिला मुख्यालय तक बेचा जा रहा है।
नगर अकलेरा में रामद्वारा बस स्टैंड ,मुख्य बाजार समेत कई जगह सीताफल आसानी से मिल रहे हैं। राजगढ जिला अंतर्गत पिपलोधी पंचायत क्षेत्र के गांव बकियापुरा के ग्रामीण राहुल, दिनेश, नवरंग बाई, उर्मिला ने बताया कि खरीफ की फसल समाप्त होने के बाद खेतों में कोई काम नहीं है, इसलिए जंगल से सीताफल तोड़कर बेचकर मजदूरी कर रहे हैं। वहीं इसके बाद सर्दी में तेंदू की फसल आ जाती है।
विशेषज्ञों की माने तो सीताफल एक ऐसा फल है जिसे हर कोई खाना पसंद करता है। इस फल में फाइबर, विटामिन-सी, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। सीताफल के साथ-साथ इसकी पत्तियां भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। इन पत्तियों में भी विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-बी, आयरन और कैल्शियम पाए जाते हैं। साथ ही इसमें एंटी इंफ्लेमेट्री और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं।
पत्तियां खाने से पाचन रहता है दुरुस्त
विशेषज्ञों के अनुसार सीताफल में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन को दुरुस्त रखता है। जिससे गैस और एसिडिटी की समस्या नहीं होती है। इसके साथ ही इसमें टैनिन नाम का एंजाइम भी होता है, जो लूज मोशन को कंट्रोल करता है।
डायबिटीज कंट्रोल रखता है