ऑपरेशन सैली: जयपुर में ढाबे पर चाय पीते पकड़ा, असम के बरपेटा में होटल की आड़ में कर रहा था तस्करी
जोधपुर.
पुलिस महानिरीक्षक (रेंज) जोधपुर की साइक्लोनर टीम ने ऑपरेशन सैली के तहत डोडा पोस्त से भरे ट्रक पकड़े जाने के मामले में तीन साल से फरार 15 हजार रुपए के इनामी आरोपी को जयपुर में रिंग रोड पर एक ढाबे पर चाय पीते पकड़ लिया। आरोपी पूर्वोत्तर भारत से होटल की आड़ में मारवाड़ तक ड्रग्स तस्करी का नेटवर्क चला रहा था।
आइजी (रेंज) जोधपुर विकास कुमार ने बताया कि फलोदी में लोहावट थानान्तर्गतपलीना गांव की सादों की ढाणी निवासी मोहम्मद इलियास पुत्र समसुद्दीन डोडा पोस्त तस्करी के मामले में फलोदी थाने का वांछित है। वह तीन साल से फरार था और 25 हजार रुपए का इनाम था। उसके असम के बरपेटा जिले में होटल कार्य की आड़ में तस्करी करने की सूचना मिली। उसने गोवाहाटी के पास बरपेटा कस्बे में होटल बना रखा था और उसी की आड़ में तस्करी कर रहा था। साइक्लोनर टीम ने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया, लेकिन तब तक वह दो दोस्तों के साथ घूमने के लिए कार में जैसलमेर रवाना हो गया था। तब टीम ने कार का पता लगाया और गोपनीय तरीके से पीछा किया। पुलिस उसका पीछा करती रही। आखिरकार जयपुर में रिंग रोड के नजदीक चाय के ढाबे पर रुका, जहां मौका पाकर पुलिस ने दबिश दी और मोहम्मद इलियास को पकड़ लिया। उसे जोधपुर लाया गया, जहां पूछताछ के बाद उसे फलोदी थाना पुलिस को सौंप दिया गया। कार्रवाई में एसआइ कन्हैयालाल, प्रमित चौहान, हेड कांस्टेबल महेन्द्र कुमार, कांस्टेबल अशोक कुमार व रोहिताश शामिल थे।
आरोपी इलियास ने गांव तक 10वीं की थी। फिर वह सऊदी अरब चला गया था, लेकिन मेहनत वाला कार्य होने से जोधपुर लौट आया था। फिर उसने गांव में मार्बल का काम शुरू किया था। तस्करी में रुपए अधिक मिलने पर उसने मार्बल काम छोड़ था। वह किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आया और उसके साथ झारखण्ड चला गया था, जहां उसने ट्रक खरीदा। उसने असम, झारखण्ड और मणिपुर से ड्रग्स तस्करी शुरू कर दी थी। वर्ष 2019 में वह चूरू के रतनगढ़ थाने में पकड़ा गया था। जेल में तस्करों से साथ रहकर वह शातिर हो गया था। जमानत मिलने के बाद वह तस्करी करने लग गया था। वर्ष 2022 में फलोदी थाने में डोडा पोस्त से भरा ट्रक पकड़ा गया था।इलियास फरार हो गया था।
चूंकि उसने सही काम छोड़कर तस्करी का उलटा काम पकड़ लिया था। इसलिए उसके अंग्रेजी में इलियास नाम वाले वर्णमाला के अक्षरों को उलटा करके सैली नाम सामने आया और उसी से 'ऑपरेशन सैली' रखा गया।