Nagar Nigam will take a loan of ten crores
कटनी. नगर निगम की वित्तीय हालत ठीक नहीं है। इसका सीधा असर विकास कार्यों में पडऩा शुरू हो गया है, इसकी मुख्य वजह नगर निगम में व्यवस्थित प्लानिंग न होना, बेवजह की फिजूलखर्ची पर रोक ना लगाना और कई योजनाओं व खरीदी में हुई आर्थिक गड़बड़ी है। स्थिति यहां तक आ बनी है कि अब नगर निगम को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना की मल्टी को पूरा कराने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। 10 करोड़ रुपए लोन लेकर अब अधूरे काम को पूरा कराया जाएगा, इसके लिए नगर निगम ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जानकारी के अुसार कमजोर आय वर्गों के लिए 2016-17 में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई। जिन हितग्राहियों के पास जमीन थी उनके लिए ग्रामीण इलाकों में डेढ़ लाख रुपए व शहरी क्षेत्र के लिए ढाई लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी गई। इसके साथ ही सरकार ने कमजोर आयवर्ग के लोगों के लिए मल्टी बनाकर फ्लैट देने की योजना शुरू की थी। इसके तहत नगर निगम द्वारा प्रेमनगर में व झिंझरी में योजना स्वीकृत कराई गई, लेकिन आठ साल से अधिक का वक्त बीतने के बाद भी योजना पर काम नहीं हुआ। सैकड़ों फ्लैट डिस्कोप करने के बाद भी नगर निगम काम नहीं कर पाई। अब साख बचाने के लिए कर्ज लिया जा रहा है।
इसलिए लेना पड़ रहा कर्ज
जानकारी के अनुसार डिस्कोप के बाद नगर निगम को 1412 फ्लैट बनवाने थे, इनमें से 500 बनाकर लोगों को अधिपत्य दे दिया गया है। शेष 900 से अधिक आवासों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। रकम न होने से मकान आधे-अधूरे हैं। प्रेमनगर की मल्टी में विद्युतीकरण, सिविल वर्क, अधोसंरचना का काम कराने के लिए नगर निगम द्वारा नेशनल हाउसिंग बैंक से योजना को पूर्ण करने के लिए 10 करोड़ रुपए का ऋण लिया जा रहा है।
अंशदान से होगी भरपाई
इस योजना के तहत इडब्ल्यूएस मकान कमजोर आयवर्ग के लोगों को आवंटित किया जाना था। 20-20 हजार रुपए की डीडी 2017-18 में जमा करा ली गई थी, शेष एक लाख 20 हजार रुपए हितग्राही को आसान किश्तों में जमा करना था, लेकिन नगर निगम द्वारा एकमुश्त राशि 500 लोगों से जमा कराई गई है। अब शेष लोगों को भी आवंटन से पहले एकमुश्त राशि याने जमा कराई जाएगी। हितग्राहियों से मिले अंशदान से नगर निगम कर्ज चुकाएगी।
वर्जन
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शेष बचे इडब्ल्यूएस के मकानों को पूर्ण कराने के लिए ऋण लिया जा रहा है। नेशनल हाउसिंग बैंक से 10 करोड़ रुपए का कर्ज लेने के लिए प्रक्रिया अपनाई जा रही है। मल्टी में विद्युतीकरण, सिविल वर्क, अधोसंरचना आदि के काम होंगे। हितग्राहियों से मिलने वाली अंशदान की राशि से कर्ज चुका दिया जाएगा।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम।