Training to prevent cyber fraud
कटनी. राज्य सभा की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी प्रबंधन की संसदीय स्टेंडिंग कमेटी ने शुक्रवार को बैंक अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसियों व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में सायबर सुरक्षा प्रोटोकॉल और साइबर कानून प्रवर्तन के माध्यम से नागरिकों के डाटा की सुरक्षा को लेकर चर्चा की। बैठक में केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा के रीजनल अधिकारियों ने कस्टमर के डाटा को किस तरह से सुरक्षित रखा जा रहा है, का पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रेजेंटेशन दिया। किसी बैंक ने ओटीपी सिस्टम तो किसी ने पिन कोड के अलावा अत्याधुनिक तकनीकों से डाटा सुरक्षित रखने का दावा किया। बैठक की अध्यक्षता अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष निरंजन बिस्सी (सांसद, राज्यसभा) ने की। समिति में गुलाम अली (सांसद, राज्यसभा), डॉ. कुशल पाठक (सांयुक्त सचिव, राज्यसभा) सहित कई अन्य सदस्य शामिल रहे। बैठक में संभागायुक्त अभय वर्मा, कलेक्टर दिलीपकुमार यादव, एसपी अभिजीत रंजन सहित बैंक प्रतिनिधियों ने डाक विभाग, मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, स्थानीय पुलिस, स्थानीय प्रशासन और कॉमन सर्विस सेंटर्स के अधिकारियों के साथ भाग लिया।
साइबर फ्रॉड तो क्या हुई कार्रवाई
बैठक में साइबर फ्रॉड के बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर भी चर्चा हुई। समिति सदस्यों ने ऐसी घटनाओं पर पुलिस ने क्या एक्शन लिया है। इस बार अधिकारियों द्वारा बताया गया कि जिले में साइबर सेल एक्टिव है। हालांकि साइबर सेल के पास पर्याप्त संसाधन न होने व प्रशिक्षण को लेकर भी चर्चा हुई। सदस्यों ने कहा कि पुलिस को अपग्रेड करने की जरूरत है। यह पता लगाया जाना चाहिए कि पैसे कहां ट्रांसफर हो रहे है और साइबर ठगों की लोकेशन क्या है।
इन विषयों पर हुई चर्चा
बैठक में डिजिटल अपराधों की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए वित्तीय संस्थानों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय को लेकर जोर दिया गया। समिति सदस्यों ने कहा कि नागरिकों की डिजिटल गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक मज़बूत सुरक्षा ढांचा तैयार करने की आवश्यकता है। क्षेत्रीय स्तर पर साइबर जागरूकता अभियानों को बढ़ाने और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने का सुझाव दिया। समिति ने नवाचार और सुरक्षा उपायों के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डिजिटल संग्रह बनाने पर विचार
बैठक में दूसरे सत्र के दौरान राज्य सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, स्थानीय प्राधिकरणों और गैर-सरकारी संगठनों के अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य कटनी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर इसे लोकप्रिय बनाना था। प्राचीन मूर्तियों और शिल्पों को संरक्षित करने के लिए एक डिजिटल संग्रह बनाने पर विचार किया गया। नवीन तकनीकों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से पर्यटन को प्रोत्साहित करने की रणनीतियों पर चर्चा हुई। इसके बाद संसदीय समिति के सदस्यों ने झिंझरी स्थित चिंतरजन शैलवन का भ्रमण किया। कटनी के बाद अब समिति अपनी अध्ययन यात्रा को बांधवगढ़ तक विस्तारित करेगी। वहां वन्यजीव प्रबंधन में आईसीटी की संभावनाओं और बाघों के व्यवहार पर एआई के उपयोग पर विचार किया जाएगा।
साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है
समिति के अध्यक्ष निरंजन बिस्सी ने बताया कि यह एक अध्ययन यात्रा है। हमारे देश के नागरिकों का डाटा सुरक्षित रहे, इसकी समीक्षा कर रहे है। साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। बैंक फ्रॉड हो रहा है। इसके कैसे राका जाए, इसपर चर्चा की जा रही है। बैंकों को ताकीद किया। बैंकों की समस्या क्या है, उन्हें क्या चाहिए। बैंक फ्रॉड होने पर क्या एक्शन लिया जा रहा है। इसका अध्ययन कर रहे है।