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Fake Mava: जोधपुर राजस्थान स्वीट्स पर लगा 50 हजार का जुर्माना, बेच रहा था नकली खोवा, आप ऐसे करें असली-नकली की जांच

Fake Mava: खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने लिया था खोवे का सैंपल, रायपुर स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया था जांच के लिए, रिपोर्ट में अवमानक घोषित किया गया था खोवा, प्रकरण को अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के कार्यालय में किया गया था प्रस्तुत

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Rajsthan sweets fake mava

बैकुंठपुर। Fake Mava: रायपुर के प्रयोगशाला में खोवा का सैंपल फेल (Fake Mava) होने के मामले बैकुंठपुर स्थित जोधपुर राजस्थान स्वीट्स पर 50 हजार जुर्माना ठोंका गया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी बैकुंठपुर ने 19 मार्च 2024 को महलपारा चौक स्थित जोधपुर राजस्थान स्वीट्स से खोवा का 250 ग्राम सैंपल लेकर परीक्षण के लिए रायपुर खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा था। 24 अप्रैल 24 को आई रिपोर्ट में नमूने को अवमानक घोषित किया गया।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने स्वीट्स के विक्रेता करण सिंह पिता नरपत सिंह पर खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने का आरोप लगा न्याय निर्णयन अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अरुण कुमार मरकाम के कार्यालय में प्रस्तुत किया। मामले की सुनवाई कर राजस्थान स्वीट्स के संचालक पर 50 हजार जुर्माना लगाया गया है।

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प्रतिवेदन के विरूद्ध करण सिंह ने निर्धारित समयावधि में अपील भी प्रस्तुत नहीं किया। इससे यह स्पष्ट है कि अभियुक्त करण सिंह संचालक मेसर्स जोधपुर राजस्थान स्वीट्स (Fake Mava) महलपारा चौक बैकुंठपुर ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26(2)(द्वितीय) का उल्लंघन किया गया है।

जो अधिनियम की धारा 5 के तहत जुर्माने से दण्डित करने योग्य है। मामले में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडड्र्स एक्ट 2006 के तहत कार्यवाही की गई। हालांकि, संचालक करण सिंह को निर्धारित समय में अपील का अवसर दिया गया था। परंतु इसका लाभ नहीं उठाया।

मामले की जांच और विक्रेता के बयान के बाद न्याय निर्णयन अधिकारी ने अधिनियम की धारा 51 के तहत 50 हजार रुपए जुर्माने का आदेश दिया है। संचालक करण को निर्देश दिया गया है कि 15 दिन के भीतर राशि जमा करें। अन्यथा आगे की कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

Fake Mava: ऐसे करें असली-नकली की पहचान

खाद्य सुरक्षा विभाग ने उपभोक्ताओं को स्वयं जांच करने (Fake Mava) के लिए टिप्स बताए हैं।
1. खोवा, छेना, पनीर में मिलावट की जांच करने 2 से 3 ग्राम सैंपल को लेकर 5 मिली पानी मिलाकर ठंडा करें, फिर टिंचर आयोडीन की 2 से 3 बूंद मिलाएं। सैंपल में नीले रंग आने पर स्टार्च की मिलावट को दर्शाता है।

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2. कांच की कटोरी में आधा चम्मच घी या मक्खन लेना है। दो-तीन बूंद टिंचर आयोडीन डालने पर सैंपल नीला रंग होने पर स्टार्च की मिलावट है। तेल का 2 मिली सैंपल में थोड़ा ठोस मक्खन मिलाएं। अगर सैंपल में लाल रंग दिखे मतलब टीओसीपी की मिलावट है।


3. एक कांच की गिलास में पानी लेकर उसकी सतह (Fake Mava) पर लाल मिर्च पाउडर छिडक़ दें। कृत्रिम रंग मिली लाल मिर्च पानी में छोटी-छोटी लाल रंग की धाराओं के रूप में तली में बैठने लगेगी।

4. दूध की एक बूंद चिकनी तिरछी सतह पर डालें, शुद्ध दूध की बूंद चिपकी रहेगी या सफेद पूछ बनाते बहेगी। पानी की मिलावट होने पर बिना धार के तुरंत बह जाएगी। दूध का 5 से 10 मिली का नमूना लेकर समान मात्रा में पानी मिलाकर अच्छी तरह से हिलाएं, दूध में डिटर्जेंट होगा तो ज्यादा झाग देगा और शुद्ध दूध में झाग की बहुत पतली सतह बनेगी।

    Updated on:
    30 Oct 2024 05:43 pm
    Published on:
    30 Oct 2024 05:35 pm
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