Rajasthan Politics: ज्योति मिर्धा के चाचा रिछपाल मिर्धा ने एक मीटिंग के दौरान हनुमान बेनीवाल को लेकर कहा कि, जो आदमी चुनाव नहीं हारता है और जनता उसे नहीं हराती, उसे 'अमर बकरे' की उपाधि दी जाती है।
Rajasthan Politics: राजस्थान की 7 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले बयानों के तीर खूब चल रहे हैं। इसी कड़ी में ताजा बयान भाजपा नेता रिछपाल मिर्धा (Richpal Mirdha) का सामने आया है। उन्होंने खींवसर के उपचुनाव (Khinvsar By-election) को लेकर चल रही मीटिंग के दौरान हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) को लेकर कहा कि, जो आदमी चुनाव नहीं हारता है और जनता उसे नहीं हराती है, उसे 'अमर बकरे' की उपाधि दी जाती है।
दरअसल, नागौर की खींवसर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा की मीटिंग चल रही थी। मीटिंग के दौरान पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के चाचा रिछपाल मिर्धा से हनुमान बेनीवाल को लेकर किसी ने सवाल किया कि, अगर इस बार हनुमान बेनीवाल चुनाव नहीं हारते हैं तो आप लोग क्या करोगे? इसका जवाब देते हुए रिछपाल मिर्धा ने कहा कि, 'मैं उसे अमर बकरे की उपाधि दूंगा, क्योंकि फिर वह अमर हो जाएगा। अब यह जनता के हाथ में है कि उसको अमर रखना है या क्या करना है।'
आगे रिछपाल मिर्धा ने खुद ही बताया कि, 'अमर बकरा उसे कहते हैं जो गांव में घूमता है, बड़ा लंबा तगड़ा होता है और उसके कानों में सोने की बालियां भी होती हैं। अब जनता बाजार से वह बालियां लाकर उसके कानों में पहनाएगी या नहीं, यह देखने वाली बात होगी। अब सब जनता के हाथ में है। मैं कैसे बता सकता हूं, उसको अमर रखना है या नहीं रखना है? जनता ही उसको कुड़क डालेगी, मंदिर छोड़ेगी या कांकड़ में, यह जनता का निर्णय होगा।'
इस बयान के दौरान वहां भीड़ में से एक आवाज आती है कि ये तो पार्टी के खिलाफ बयान हो गया तो रिछपाल मिर्धा बोलते हैं कि, 'मैं पार्टी को चुनौती नहीं दे रहा हूं, मैं तो पार्टी को सावचेत कर रहा हूं, अगर पार्टी के अंदर ही भीतर घात होगा और पार्टी के ही आदमी एक नहीं रहेंगे। पार्टी के आदमी और कार्यकर्ता अगर टिकट बंटवारे को लेकर झगड़ा नहीं करेंगे, सभी को जागते रहोगे, तो इस बार चुनाव के नतीजे अलग हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो मैं दावे से कह सकता हूं कि इस बार भाजपा ही जीतेगी।'
बता दें, हनुमान बेनीवाल के नागौर से लोकसभा का चुनाव जीतते ही खाली हुई खींवसर सीट ताऱीख घोषणा से पहले ही हॉट सीट बनी हुई है। यह सीट आरएलपी के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी हुई है, वहीं सत्ता पर काबिज भाजपा भी इस सीट को जीतने की तैयारी में कोई कसर छोड़ती नहीं दिख रही। हालांकि, भाजपा को यहां लगातार हार का सामना करना पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि खींवसर में पिछला चुनाव भाजपा कम अन्तर से हारी और इस बार प्रदेश व देश में सरकार होने का फायदा भाजपा उप चुनाव में उठाने की तैयारियों में जुटी नजर आ रही है। प्रत्याशियों को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। सभी अपने-अपने हिसाब से तैयारी में जुटे हैं। उप चुनाव में मुख्य मुकाबला भले ही भाजपा एवं आरएलपी में दिखेगा, लेकिन कांग्रेस, बसपा, राजस्थान अभिनव पार्टी से डॉ. अशोक चौधरी सहित कई दल यहां अपना समीकरण बैठाने में लगे हैं।