Jharkhand New DGP: भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) के निर्देश पर झारखंड के कार्यवाहक डीजीपी अनुराग गुप्ता (Anurag Gupta) को उनके पद से हटा दिया गया है।
Jharkhand New DGP: भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) के निर्देश पर झारखंड के कार्यवाहक डीजीपी अनुराग गुप्ता (Anurag Gupta) को उनके पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह 1989 बैच के झारखंड कैडर के IPS अधिकारी अजय कुमार सिंह (Ajay Kumar Singh) को नया DGP नियुक्त गया है। राज्य सरकार ने शनिवार शाम इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
अजय कुमार सिंह इसके पहले 24 फरवरी 2023 को DGP बनाए गए थे, लेकिन उन्हें 26 जुलाई 2024 को इस पद से हटाकर झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के तौर पर पदस्थापित किया गया था। वह इसके पहले राज्य पुलिस के एंटी करप्शन ब्यूरो के DGP और CID, स्पेशल ब्रांच और रेलवे पुलिस (Railway Police) में उच्च पदों पर रह चुके हैं। वह हजारीबाग और धनबाद जिले में एसपी भी रह चुके हैं।
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को झारखंड के कार्यवाहक DGP अनुराग गुप्ता को तत्काल उनके पद से हटाने का निर्देश दिया था। आयोग ने उनकी जगह DGP रैंक के सबसे वरिष्ठ अधिकारी को इस पद का कार्यभार सौंपने का निर्देश देते हुए शाम सात बजे तक इसकी रिपोर्ट भेजने को कहा था। अनुराग गुप्ता को डीजीपी पद से हटाने के चुनाव आयोग के निर्देश के पीछे दो वजहें मानी जा रही हैं। एक तो यह कि गुप्ता 24 जुलाई 2024 को कार्यवाहक डीजीपी के रूप में पदस्थापित किए गए थे। दूसरी वजह यह बताई जा रही है कि चुनाव आयोग में उनके खिलाफ शिकायतें की गई थीं। पूर्व में राज्यसभा चुनाव को लेकर हॉर्स ट्रेडिंग केस में भी उन पर आरोप लगे थे। हालांकि इस मामले में उन्हें बाद में क्लीन चिट मिल गई थी।
अनुराग गुप्ता को कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने पर कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में एक अवमानना याचिका भी दायर की गई थी। इसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाहक डीजीपी गुप्ता को नोटिस जारी किया था। अवमानना याचिका जमशेदपुर निवासी नरेश मकानी की ओर से दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया है। मकानी ने अपनी याचिका में कहा था कि तदर्थ आधार पर डीजीपी पद पर नियुक्ति 3 जुलाई 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी राज्य में कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति नहीं की जाएगी।