सुप्रीम कोर्ट ने एक 13 साल पूराने मामले की सुनवाई करते हुए सड़क सुरक्षा और पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सड़क सुरक्षा पर दिए अहम फैसले में देशभर में हेलमेट, लेन ड्राइविंग और कारों पर अनधिकृत हूटर के मामले में सख्ती बरतने और पैदल यात्रियों की दुर्घटना से सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सड़क सुरक्षा के हित में मोटर वाहन कानून के तहत अनुशासन लाने और नेशनल हाई-वे अलग अन्य सड़कों के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव मानकों के नियम बनाने के भी निर्देश दिए।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने 13 साल पुरानी याचिका की सुनवाई के बाद जारी आदेश में नियम बनाने के लिए छह माह का समय दिया। जस्टिस पारदीवाला ने टिप्पणी की कि फैसले पर अमल नियमों की पालना पर निर्भर करेगा। आदेश पर अमल के बारे में सात माह बाद सुनवाई की जाएगी। यह याचिका प्रमुख हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. राजशेखरन ने दायर की थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने सड़क दुर्घटना रिपोर्ट 2023 में शामिल 50 शहरों में सड़क इंजीनियरिंग की ऑडिट कर कमियां दूर करने और पैदल यात्री क्रॉसिंग का सावधानीपूर्वक ऑडिट कर उसकी खामियां दूर करने के निर्देष दिए है। इसके अलावा पैदल यात्रियों के लिए जेब्रा क्रॉसिंग, रात में पर्याप्त प्रकाश, रोड डिवाइडर, सीसीटीवी निगरानी और स्कूल और उच्च जोखिम वाले अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर विशेष उपाय करने के साथ साथ दोपहिया वाहन चालकों और पीछे बैठी सवारी पर हेलमेट की सख्ती करने के आदेश भी इसमें शामिल है। साथ ही चमकदार एलईडी लाइटों, लाल-नीली स्ट्रोब लाइटों और अनधिकृत हूटरों पर रोक और लेन ड्राइविंग के अनुशासन में सख्ती करने के भी निर्देश है।