Bihar Vidhan Sabha Winter Session: बिहार विधानसभा के शीतकालीन के दूसरे दिन सदन में आरक्षण की सीमा को लेकर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बीच तीखी बहस देखने को मिली।
Bihar Vidhan Sabha Winter Session: बिहार विधानसभा चुनाव के शीतकालीन के दूसरे दिन सदन में आरक्षण की सीमा को लेकर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बीच तीखी बहस देखने को मिली।
तेजस्वी यादव ने कहा,' हमारी 𝟏𝟕 महीनों की सरकार ने बिहार में जाति आधारित सर्वे करवा कर 𝟐 अक्टूबर 𝟐𝟎𝟐𝟑 को जाति गणना के सर्वे को प्रकाशित कर 𝟗 नवंबर 𝟐𝟎𝟐𝟑 मेरे जन्मदिवस के अवसर पर आरक्षण की सीमा 𝟔𝟓% तक बढ़ाकर उसे तत्काल प्रभाव से सरकारी नियुक्तियों में लागू कराने का निर्णय लिया गया। उसके बाद हमने इसे संविधान की 𝟗वीं अनुसूची में शामिल कराने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा। लेकिन दलितों-पिछड़ों-अतिपिछाड़ों और आदिवासियों के आरक्षण की धुर विरोधी बीजेपी सरकार ने एक साल बाद भी अभी तक इसे स्वीकृत नहीं किया है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बयान में कहा, '𝟔𝟓% आरक्षण सीमा को संविधान की 𝟗वीं अनुसूची में नहीं डालने से आरक्षित वर्गों यथा दलितों-पिछड़ों-अतिपिछड़ों और आदिवासियों को लाखों पदों पर नौकरियों का नुकसान हो रहा है। अगर 𝐍𝐃𝐀 सरकार 𝟔𝟓% आरक्षण सीमा का समर्थन नहीं करती है तो इसका सीधा अर्थ है कि 𝟔𝟓% आरक्षण के अनुसार सरकारी नौकरियों में आरक्षित वर्गों को 𝟏𝟔% कम नौकरियां मिलेंगी। इसके लिए नीतीश सरकार दोषी है। जदयू के बल पर यह सरकार चल रही है लेकिन अब मुख्यमंत्री जी सहित पार्टी में नैतिक और वैचारिक साहस नहीं कि बाबा साहेब के आरक्षण विरोधी केंद्र सरकार को इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने पर मजबूर कर सके। बीजेपी के लोगों ने पिछले दरवाज़े से 𝟔𝟓% आरक्षण सीमा को निरस्त कराया। अब हमारी माँग है कि बिहार सरकार पुन: एक नया विधेयक लाकर इसकी सीमा को 𝟖𝟓% (𝟕𝟓+ 𝟏𝟎%𝐄𝐖𝐒) तक बढ़ाये और इसे 𝟗वीं अनुसूची में सम्मिलित करने का प्रस्ताव 𝐍𝐃𝐀 की केंद्र सरकार को भेंजे।