समाचार

बुध की सतह के नीचे मिली हीरे की 14.48 किमी मोटी परत

ब्रह्मांड में सबसे बड़ा खजाना : बेल्जियम और चीन के वैज्ञानिकों के शोध में दावा

2 min read
Jul 20, 2024

वॉशिंगटन. ब्रह्मांड का सबसे बड़ा खजाना संभवत: बुध ग्रह पर है। बेल्जियम और चीन के वैज्ञानिकों के शोध में दावा किया गया कि बुध की सतह से सैकड़ों मील नीचे हीरे की 14.48 किलोमीटर मोटी परत है। हालांकि इन हीरों का खनन नामुमकिन है, लेकिन इनसे ब्रह्मांड की कुछ पहेलियों के जवाब मिल सकते हैं। नई खोज से बुध ग्रह की संरचना और विशिष्ट चुंबकीय क्षेत्र के बारे में पता चला है।लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक नेचर कम्यूनिकेश जर्नल में छपे शोध में बताया गया कि हीरे की इतनी मोटी परत की मौजूदगी से संकेत मिलते हैं कि छोटा और भूगर्भीय रूप से निष्क्रिय होने के बावजूद बुध का चुंबकीय क्षेत्र है। हालांकि यह पृथ्वी के मुकाबले काफी कमजोर है। बीजिंग में सेंटर फॉर हाई प्रेशर साइंस एंड टेक्नोलॉजी एडवांस्ड रिसर्च के वैज्ञानिक और शोध के सह-लेखक यानहाओ ली का कहना है कि बुध संभवत: अन्य ग्रहों की तरह मैग्मा महासागर के ठंडा होने से बना। यह महासागर कार्बन और सिलिकेट से समृद्ध था। धातुएं इसके भीतर जमकर क्रिस्टलाइज्ड हो गईं।

रसायनिक सूप का कंप्यूटर सिमुलेशन

शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर मॉडल के जरिए बुध की कोर-मेंटल सीमा पर दबाव और तापमान का माप हासिल किया। उन्होंने उन भौतिक दशाओं को फॉलो किया, जिनसे ग्रेफाइट या हीरा स्थिर होता है। इसके अलावा बुध पर इससे पहले खोजी गई धातुओं का रसायनिक सूप तैयार किया गया। इसके कंप्यूटर सिमुलेशन से पता चला कि अत्यधिक तापमान पर ये धातुएं क्रिस्टलाइज्ड होकर हीरे में बदल जाती हैं।

दिन का तापमान 430 डिग्री सेल्सियस तक

इससे पहले अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मैसेंजर मिशन ने बुध की सतह पर काले धब्बे देखे थे, जो ग्रेफाइट के थे। यह कार्बन का एक रूप है। बुध पर कार्बन की मौजूदगी ने वैज्ञानिकों को शोध के लिए प्रेरित किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि हीरे की परत बुध की सतह से करीब 485 किमी नीचे है। ग्रह का तापमान दिन के समय 430 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।

Published on:
20 Jul 2024 12:34 am
Also Read
View All

अगली खबर