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पहले मारी ट्रैक्टर से टक्कर, बाद में समझौते में पैसे लिए तो रंजिश में लाठियों से पीटा, तीन जनों को आजीवन कारावास

अपराध अंतर्गत धारा 3(2)(वी) एससी/एसटी एक्ट में सुनाई उम्र कैद की सजा, भादरा तहसील के भिरानी थाना क्षेत्र के गांव झिलोदा की वर्ष 2015 की घटना

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First hit by tractor, later beaten with sticks due to rivalry over taking money as per agreement, life imprisonment to three people

हनुमानगढ़. एक्सीडेंट का मुआवजा लेने की रंजिश में लाठियों से पीटने और जातिसूचक गालियां निकालने के मामले में सोमवार को विशिष्ट न्यायाधीश एससी एसटी अत्याचार निवारण, सरिता स्वामी ने तीन जनों को दोषी करार दिया। तीनों दोषियों को अपराध अंतर्गत धारा 3(2)(वी) एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा अन्य धाराओं में भी कारावास तथा अर्थदंड से दंडित किया। राज्य की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक दुलीचंद चांवरिया ने तथा परिवादी की ओर से एडवोकेट जयपाल झोरड़ ने पैरवी की।
प्रकरण के अनुसार परिवादी मुकनाराम पुत्र राम मेघवाल निवासी झिलोदा ने भिरानी थाने में मामला दर्ज कराया था कि वह पेंटर का काम करता है। दो दिसम्बर 2015 को सुबह रारा ताल काम करने के लिए घर से गया था। शाम को काम करने के बाद वापस आया तो घर के सामने रास्ते पर लालचंद पुत्र भूप सिंह जाट जसवंत सिंह पुत्र करतार सिंह जाट, कालू पुत्र भूप सिंह जाट, लालचंद का लडक़ा नाम नामालूम निवासी झिलोदा हाथों में लाठियां लिए खड़े थे। परिवादी को जातिसूचक गालियां निकालते हुए जबरदस्ती पकड़ कर लालचंद के घर ले गए। वहां आरोपियों ने परिवादी व उसके पिता को रस्सियों से बांधकर लाठियों आदि से पीटा। शोर मचाया तो रामबक्श आदि आए जिन्होंने छुड़ाने की कोशिश की। मगर आरोपियों ने नहीं छोड़ा तथा मारपीट करते रहे। परिवादी ने पुलिस को बताया कि करीब एक साल पहले वर्ष 2014 में आरोपी जसवंत सिंह ने पानी के टैंकर से उसको टक्कर मार दी थी। इस पर उसने इलाज आदि के लिए जसवंत सिंह से पैसे लिए थे। आरोप था कि इसी बात की रंजिश में उसने अपने परिजनों के साथ मिलकर उस पर हमला किया। भिरानी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की तथा आरोपी जसवंत सिंह, लालचंद तथा कालूराम उर्फ सुमेर सिंह के खिलाफ चालान पेश किया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद तीनों जनों को सजा सुनाई।

इन धाराओं में सजा

कोर्ट ने तीनों दोषियों को आईपीसी की धारा 308 में सात वर्ष, 323 में एक वर्ष, 341 में एक माह, 342 में एक वर्ष, धारा 324 में तीन वर्ष 320 में 10 वर्ष, 325 में छह वर्ष, धारा 3(1)(एक्स) एससी/एसटी एक्ट में छह माह तथा धारा 3(2) (वी) एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

Published on:
01 Oct 2024 11:25 am
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